
जिले की जैसलमेर व फतेहगढ़ समिति क्षेत्र में मंगलवार को वोटिंग होगी। इन दो समितियों में घमासान चरम पर रहा है। पहले दो चरणों में पोकरण विधानसभा के चुनाव संपन्न हो चुके हैं वहां कांग्रेस के वोटों में बिखराव देखने को मिला था। जैसलमेर विधानसभा में यह तो पहले ही स्पष्ट हो चुका था क्योंकि यहां फकीर परिवार ने बगावत कर रखी है।
कांग्रेस की वोट बैंक में सेंध लगनी तय है। मंगलवार को जैसलमेर व फतेहगढ़ समिति के 15-15 ब्लॉक सहित जिला परिषद के वार्ड नं. 5,6,7,8 में चुनाव होंगे। इसके अलावा वार्ड नं. एक की कुछ पंचायतों में भी वोट पड़ेंगे। भाजपा, कांग्रेस व फकीर परिवार ने यहां पूरी ताकत लगाई है। जीत किसकी होगी, यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन त्रिकोणीय संघर्ष रोमांचक होने वाला है।
मंगलवार को जिला परिषद की प्रमुख चार सीटों पर चुनाव होने हैं, इन्हीं सीटों के भरोसे अंजना मेघवाल की दावेदारी निर्भर करती है। हालांकि उनके निर्वाचन क्षेत्र के चुनाव 5 दिसंबर को होने हैं। लेकिन यदि इन चार सीटों पर विधायक रूपाराम के उम्मीदवारों को नुकसान होता है तो अंजना मेघवाल की दावेदारी पर संकट के बादल छा जाएंगे। विधायक धनदे का बेटा हरीश जिला परिषद के वार्ड नं. 7 से चुनाव लड़ रहा है। मंगलवार को इस सीट पर चुनाव होने हैं। इसके अंतर्गत आने वाली तीन पंचायतों के चुनाव पहले हो चुके हैं और अब शेष पंचायतों पर मंगलवार को वोट पड़ेंगे। शुरूआती रुझान में हरीश को नुकसान बताया गया था, हड्डा, काणोद व ताड़ाना में कांग्रेस के वोट निर्दलीय की तरफ स्विंग होते नजर आए। इस निर्वाचन क्षेत्र के शेष रहे इलाके फकीर परिवार का होम ग्राउंड है, वहां भी हरीश को भारी नुकसान होने की आशंका है।

जैसलमेर पं स में कांग्रेस के दो गुटों के बीच संघर्ष, भाजपा भी मजबूत
जैसलमेर समिति में फकीर परिवार व रूपाराम गुट के बीच सीधी लड़ाई है। अब तक जैसलमेर समिति फकीर परिवार के पास रही है और कई बार उनके परिवार के सदस्य इसी समिति से प्रधान बने हैं। इस बार वे इस समिति को फिर से हथियाना चाहते हैं लेकिन टिकट वितरण उनके हाथ में नहीं होने के कारण अपने कई ब्लॉक से निर्दलीय उम्मीदवार मैदान में उतार दिए। यहां इन दोनों गुटों के बीच सीधी लड़ाई है। इस समिति में भाजपा थोड़ी कमजोर है, ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि दोनों की लड़ाई में फायदा भी हो सकता है।
फकीर परिवार की प्रतिष्ठा भी जुड़ी
फकीर परिवार के तीन सदस्य जैसलमेर समिति में अलग अलग ब्लॉक से निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हैं। भागू का गांव से पीराणे खां, बासनपीर से इलियास तथा भू से सलीमत चुनाव मैदान में है। इन्होंने बगावत करके बिगुल तो बजा दिया लेकिन अब इनकी प्रतिष्ठा का सवाल इस समिति से जुड़ गया है। बताया जा रहा है कि इन सदस्यों की जीत तो लगभग तय है लेकिन समिति में प्रधान बनाने के लिए अन्य निर्दलीय उम्मीदवारों को भी जिताने के लिए कांग्रेस के वोटों का स्विंग चाहिए।
भाजपा को जीत का भरोसा
जैसलमेर विधानसभा में भाजपा ने पूरी ताकत लगाई है। यहां प्रतापपुरी महाराज सहित दो केन्द्रीय मंत्री गजेन्द्रसिंह व कैलाश चौधरी दौरे पर आ चुके हैं। जिला प्रमुख की इस दौड़ में पोकरण के रुझान के बाद भाजपा में थोड़ा उत्साह है और जैसलमेर विधानसभा में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद भी। भाजपा काे जीत का पूरा भरोसा है।
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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/barmer/jaisalmer/news/triangular-conflict-in-jaisalmer-and-fatehgarh-in-the-independent-grounds-supported-by-the-fakir-family-127963710.html