ग्रेटर निगम और हैरिटेज नगर निगम के जोन कार्यालयाें में तैनात राजस्व अधिकारी यूडी टैक्स वसूल करने को मिले टारगेट में फेल हो गए है। दरअसल ग्रेटर और हैरिटेज नगर निगम सीईओ ने नगर निगम के अधिकारी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए राजस्व अधिकारियों को मौजूदा जोन के आधार पर दस करोड़ रुपए वसूल करने का टारगेट दिया है।

जोन में कार्यरत राजस्व अधिकारियों को यह राशि 30 सितंबर तक वसूलनी थी। लेकिन अभी तक नगर निगम के अधिकारी दो करोड़ रुपए का यूडी टैक्स भी वसूल नहीं कर पाए है। जबकि अंतिम डेडलाइन बुधवार है। ऐसे में अफसरों की कार्यशैली पर सवाल उठने लगे है। सवाल यह है कि आखिर दिन निगम के अधिकारी कितनी वसूली कर पाएंगे।


अफसरों ने लापरवाह अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करने के दावे किए थे। ऐसे में अगर टारगेट जिन अफसरों का ठीक नहीं रहा तो उन पर गाज गिर सकती है। प्रत्येक राजस्व अधिकारी को 40 लाख रुपए यूडी टैक्स वसूली का टारगेट दिया था।

अफसरों के लापरवाही करने पर निगम ने हाल ही में एक निजी कंपनी को वसूली का टैंडर दे दिया है। नगर निगम के अधिकारी इस वित्तीय वर्ष में पिछले छह माह में केवल 22 करोड़ रुपए की ही वसूली कर पाए है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/target-of-rs10-crore-to-revenue-officers-and-not-even-recovery-of-rs-2-crore-127766401.html

राजस्थान राज्य मंत्रालयिक कर्मचारी महासंघ उपशाखा आनंदपुरी के पदाधिकारियों ने मंत्रालयिक संर्वग कार्मिकों की 11 सूत्री मांगो को लेकर मुख्यमंत्री के नाम आनंदपुरी एसडीएम को ज्ञापन सौंपा। जिसमें स्टेट पैरिटी के आधार पर कनिष्ठ सहायक कि ग्रेड पै 3600 किए जाने, अधीनस्थ मंत्रालयिक कर्मचारियों को शासन सचिवालय के मंत्रालयिक संवर्ग के समान वेतनमान एवं पदोन्नति के अवसर उपलब्ध करवाने, नई पेंशन योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने,

मंत्रालयिक संर्वग को उच्च पदोन्नति के अवसर उपलब्ध कराने, वर्ष 2013 के समझौते के अनुसार मंत्रालयिक संवर्ग के उच्च पदोन्नति के लिए 26000 पदों में से शेष रहे पदों का आवंटन करते हुए इन पदों पर पदोन्नति हेतु एकबारिय शिथिलन दिए जाने समेत 11 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। ज्ञापन देने वालों में ब्लॉक अध्यक्ष दिनेश मकवाना, महामंत्री मोहनलाल भोई, रीडर पंकज यादव समेत अन्य कार्मिक शामिल थे।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/anandpuri/news/ministerial-staff-federation-in-anandpuri-submitted-a-memorandum-to-the-sdm-regarding-the-demands-127766400.html

शहर के एक दूकानदार पर एक व्यक्ति ने थूक दिया। जब दूकानदार ने इस गलती के लिए व्यक्ति काे टाेका ताे उल्टा उससे मारपीट कर दी। पीड़ित मुस्लिम काॅलाेनी निवासी दुकानदार हकीम पुत्र अली हुसैन ने बताया कि उसकी नईबादी में दुकान है। राेजाना की तरह वह दुकान से घर लाैट रहा था रास्ते में ताहेर अली ने हकीम पर थूक दिया। इससे गुस्साए हकीम ने ताहेर काे टाेका ताे उल्टा ताहेर भड़क गया और गालीगलाेच करते हुए मारपीट कर दी। जिससे हकीम के कपड़े फट गए अाैर वह चाेटील हाे गया। हकीम ने रिपाेर्ट में बताया कि वह किसी तरह माैके से खुद काे बचाते हुए निकल भागा। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/spit-on-shopkeeper-beaten-upside-down-clothes-torn-police-has-started-investigation-127766398.html

थाना पुलिस का कमजोर सूचना तंत्र की कड़ी के कारण इन दिनों चोरों की बल्ले-बल्ले हो रही है। चोर वारदात कर फरार हो जाते हैं और पुलिस महीनों तक इनको ढूंढ भी नहीं पाती है। जब ये पुलिस के हत्थे चढ़ते हैं तो फिर बरामदगी का संकट खड़ा हो जाता है। चोरी की गई राशि को चोर अपने मौज-शौक में उड़ा देते हैं। इसके चलते ज्यादातर चोरियों की वारदातों में आरोपियों की धरपकड़ के बाद माल बरामदगी में पुलिस के हाथ खाली ही रहते हैं।

इसका एक कारण चोरों की समय पर गिरफ्तारी नहीं होना भी है। अगर चोरों की समय पर धरपकड़ हो जाती है तो पुलिस को माल बरामदगी में भी बड़ी सफलता हाथ लग सकती है। जानकारों के अनुसार इन दिनों चोरों की सक्रियता का एक सबसे बड़ा कारण पुलिस का कमजोर होता मुखबिर तंत्र हैं। वारदात होने के बाद अब पुलिस पहले इलाके के सीसीटीवी फुटेज को देखती है व कॉल डिटेल खंगालती है। इनमें अगर पुलिस को आसानी से कोई सुराग मिल जाए तो ठीक अन्यथा इस प्रक्रिया में भी महीनों गुजर जाते हैं। तब तक आरोपी दूसरी वारदातों की योजनाओं में लग जाते हैं।

शहर की नहीं खुली लंबे समय से एक भी वारदात: कोतवाली थाना इलाके में लंबे समय से चोरी की एक भी वारदात नहीं खुली है। मंदिर में चोरी की वारदात से लेकर कोतवाली थाने के सामने दुकान में चोरी व कई घरों में चोरी की वारदातें हुई हैं, लेकिन खुलासा एक भी वारदात का नहीं हुआ है। वहीं देहात में हालात और भी बेकार हैं। शहर जैसी स्थिति देहात में भी हैं। वहां भी बड़े स्तर पर चोरी की वारदातें हुई हैं, लेकिन खुलासे नहीं हुए हैं।
टीम को और प्रभावी कर पकड़ेंगे चोरों को
चोरी की वारदातों के खुलासे के लिए टीम लगी हुई है, लेकिन और प्रभावी तरीके से कार्रवाई के लिए टीम को और मजबूत किया जाएगा। पुलिस के ज्यादातर जवान चुनावों की ड्यूटियों में भी हैं।
श्वेता धनखड़, पुलिस अधीक्षक, नागौर

क्षेत्र में बाइक चोर नहीं चढ़ रहे पुलिस के हत्थे
कोतवाली थाना इलाके में इन दानें बड़े स्तर पर मोटरसाइकिल चोरी की वारदातें हुई हैं, लेकिन खुलासे के नाम पर पुलिस के हाथ खाली है। जबकि मोटरसाइकिलों को चोरी हुए महीनों बीत गए हैं। इससे शहरवासियों में पुलिस के प्रति असंतोष की पैदा होती दिखाई पड़ रही है। जानकारों की मानें तो मोटरसाइकिल चोरी की वारदातों के नहीं खुलने के पीछे पुलिस का कमजोर सूचना तंत्र ही है। क्योंकि ज्यादातर वारदातों में पुलिस को न तो सीसीटीवी फुटेज मिले हैं और न ही कॉल डिटेल। इसके चलते मोटरसाइकिल चोर भी पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ रहे हैं।

शहर में थड़ी लगाकर सामान बेचने वालो के पास पहुंची पुलिस ने की पूछताछ

बढ़ती चोरियों को रोकने के लिए पुलिस ने शहर में सर्च अभियान शुरू कर दिया है। मंगलवार को पुलिस ने ऐसे लोगों को टटोला जो बाहर से यहां सामान बिक्री के लिए आए हुए थे। इनमें कंबल बिक्री करने वालों से लेकर खिलौने एवं अन्य आइटम वाले शामिल हैं। जो उत्तर प्रदेश, बिहार या अन्य प्रदेशों से यहां आकर और इस तरह का सामान बेचते हैं। पुलिस ने ऐसे लोगों के नाम-पते पूछने के साथ जरूरी जानकारियों को जुटाया है। इसके अलावा प्रमुख जानकारियों को एक रजिस्टर में इन्द्राज भी किया है। कोतवाली थाने के हैड कांस्टेबल कमलेश ने बताया कि शहर के मेला मैदान, मूंडवा तिराहा, कॉलेज रोड, वाटर बॉक्स चौराहा सहित अन्य जगहों पर डेरा डाले बैठे लाेगों से पूछताछ की गई है।

पुलिस इन प्रत्येक जगहों पर पहुंची और सभी से पूछताछ भी की गई है। इस दरम्यान कई ऐसे लोगों से भी पूछताछ की गई है जो गली-मोहल्लों में घूमकर सामान बिक्री का कार्य करते हैं। स्थानीय लोगों ने भी संदिग्ध लोगों के बारे में बताया है, शहर में कुछ दिनों से ऐसे युवा सामान बेचते हुए देखे जा रहे हैं जो ब्रांडेड जूते व कपड़े पहने हैं फिर भी कुछ कपड़े हाथ में लेकर बेचते दिखे हैं।



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खिलौने वालों से पूछताछ करती कोतवाली थाने की पुलिस।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/police-is-gathering-information-from-outsiders-to-stop-thefts-police-information-system-also-fails-cctv-only-support-127766396.html

हाईकोर्ट ने प्रदेश के पुलिस थानों में सालों से पड़े जब्त वाहनों के अंबार पर सीएस, एसीएस होम, डीजीपी, प्रमुख वन सचिव व परिवहन आयुक्त से पूछा है कि इन वाहनों के निस्तारण के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है। सीजे इन्द्रजीत महान्ति व जस्टिस प्रकाश गुप्ता की खंडपीठ ने यह अंतरिम निर्देश वरिष्ठ पत्रकार महेश झालानी की पीआईएल पर दिया।

अधिवक्ता सतीश खंडेलवाल ने बताया कि प्रदेश के सभी पुलिस थानों में अरबों रुपए के वाहन कई सालों से जब्त पड़े हुए हैं। जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्यों को इन जब्त किए गए वाहनों का तय समय में निस्तारण का निर्देश दे रखा है। आदेश का पालन नहीं होने पर सुप्रीम कोर्ट ने कठोर कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। लेकिन फिर भी पुलिस थानों में पड़े इन वाहनों का निस्तारण नहीं हो रहा।

पीआईएल में कहा कि पुलिस थानों में कई सालों से पड़े होने के कारण ये वाहन अब कबाड़ में बदल गए हैं। ये वाहन राष्ट्र की संपत्ति हैं जो खुले में खड़ा रहने से वह ना केवल रोड पर चलने के लायक रहते हैं बल्कि उनमें चोरी होने की भी पूर्ण संभावना लगातार बनी रहती है।

इसके अलावा ऐसे वाहनों से एक्सीडेंट की संभावनाएं भी बढ़ती हैं। पीआईएल में आग्रह किया गया कि राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट के आदेश की पालना में इन वाहनों का तय समय पर निस्तारण करने की व्यवस्था करवाई जाए।



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State government should tell why police stations have a number of vehicles seized for years: High Court


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/state-government-should-tell-why-police-stations-have-a-number-of-vehicles-seized-for-years-high-court-127766395.html

जनजाति उपयोजना क्षेत्र के दायरे में हुए विस्तार के बाद भी पदों में वृद्धि नहीं होने पर वरिष्ठ अध्यापक ग्रेड द्वितीय के अभ्यर्थियों ने मुख्यमंत्री के नाम उपखंड अधिकारी अतुल प्रकाश को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में बताया कि वरिष्ठ अध्यापक भर्ती का विज्ञापन 9 अप्रैल 2018 को जारी किया गया था।

यद्यपि टीएसपी क्षेत्र का विस्तार19 मई 2018 को किया गया था। जिसमें जनसंख्या के अनुपात में नए विस्तारित टीएसपी क्षेत्र की सीटें टीएसपी क्षेत्र में सम्मिलित नहीं की गई। जिससे दायरा बढ़ने से टीएसपी क्षेत्र के अभ्यर्थियों को नुकसान हुआ। इसको लेकर मुख्यमंत्री को बढ़े हुए दायरे के अनुपात में जल्द से जल्द से सीटों में वृद्धि कर राहत प्रदान करने की मांग की। इस दौरान कमलेश नायक, मुकेश पाटीदार, मिथुन त्रिवेदी, ईश्वर त्रिवेदी, मनोहर सिंह, नीरज दवे, धीरज, मनीष पंचाल आदि उपस्थित रहे।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/demand-for-increase-in-seats-in-line-with-expansion-in-tsp-scope-memorandum-given-127766391.html

स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) की ओर से आयोजित की जा रही जूनियर इंजीनियर पदों की भर्ती में ईडब्ल्यूएस को निर्धारित 10 प्रतिशत से कम सीटें मिलने का मामला प्रकाश में आया है। एसएससी की ओर से जारी फाइनल वैकेंसी में ईडब्ल्यूएस अभ्यर्थियों को मात्र 101 सीटें दी गई हैं, जबकि अभ्यर्थियों का दावा है कि कुल 1845 पदों पर हो रही इस भर्ती में ईडब्ल्यूएस को 184 सीटें मिलनी चाहिए।

83 सीटों का नुकसान हो रहा है। एसएससी की ओर से हाल ही में जूनियर इंजीनियर (सिविल, इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और क्वांटिटी सर्वेयिंग एंड कॉन्ट्रैक्ट) परीक्षा 2018 की फाइनल वैकेंसी जारी की गई है। फाइनल वैकेंसी के बाद ही खुलासा हुआ कि कुल वैकेंसी में किस वर्ग को एसएससी की ओर से कितनी-कितनी सीटें दी गई हैं। अभ्यर्थियों का कहना है कि कुल 1845 पदों में से एससी वर्ग को 273, एसटी को 150, ओबीसी को 483, और ईडब्ल्यूएस को 101, यूआर को 838 सीटें दी गई हैं।

8 अक्टूबर तक चलेगी डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन की प्रक्रिया
परिणाम 12 दिसंबर को आया था। एक अतिरिक्त रिजल्ट 27 दिसंबर को जारी हुआ। सिविल के लिए 8,697 और इलेक्ट्रिकल/मैकेनिकल के लिए 1,938 अभ्यर्थियों ने क्वालिफाय किया। दूसरा पेपर 29 दिसंबर को हुआ। पेपर्स के आधार पर कट ऑफ मार्क्स जारी किए गए। अभ्यर्थियों का डॉक्यूमेंट वैरिफिकेशन 8 अक्टूबर तक होगा।

सीडब्ल्यूसी सहित अन्य विभागों के लिए हो रही है भर्ती
भर्ती बॉर्डर रोड संगठन, सीडब्ल्यूसी, सीपीडब्ल्यूडी,सेंट्रल वॉटर व पावर रिसर्च स्टेशन, निदेशालय क्वालिटी एश्योरेंस व मिलिट्री में जूनियर इंजीनियर पदों के लिए हो रही है।



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स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) की ओर से आयोजित की जा रही जूनियर इंजीनियर पदों की भर्ती में ईडब्ल्यूएस को निर्धारित 10 प्रतिशत से कम सीटें मिलने का मामला प्रकाश में आया


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/ajmer/news/in-ssc-junior-engineer-recruitment-ews-candidates-have-only-101-seats-instead-of-184-127766390.html

खमेरा थाना परिसर में मंगलवार को शांति समिति की बैठक उपखंड अधिकारी बिंदुबाला राजावत के मुख्य आतिथ्य, खमेरा थानाधिकारी चेलसिंह चौहान की अध्यक्षता, तहसीलदार शिवन्या गुप्ता के विशिष्ट आतिथ्य में आयोजित हुई। बैठक में पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने कोविड-19 के नियमों का गंभीरता से पालन करने और आगामी त्योहार गाइड लाइन के अनुसार ही मनाने का आह्वान किया। साथ ही जिसमें डूंगरपुर में हुए विवाद को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों ने कहा कि लोकतंत्र में व्यक्ति की विचारधारा कुछ भी हो सकती है, लेकिन राष्ट्र का निर्माण करना प्रत्येक नागरिक का मुख्य कर्तव्य है। न कि सरकारी संपत्ति का नुकसान पहुंचाना। प्रशासन ने समस्त नागरिकों से राष्ट्र निर्माण में भागीदारी निभाने का आह्वान किया। बैठक में सरपंच, पटवारी, गिरदावर सहित गणमान्य नागरिक मौजूद थे।

परतापुर| गढ़ी एसडीएम अतुल प्रकाश के सान्निध्य में मंगलवार को गढ़ी पुलिस थाने में दोपहर 3 बजे अाैर अरथूना में दोपहर एक बजे शांति समिति की बैठक हुई। गढ़ी में एसआई पूनमचंद और अरथूना में गजवीरसिंह की मौजूदगी में आयोजित शांति समिति की बैठक में क्षेत्र में कानून व्यवस्था को लेकर चर्चा की गई।। बैठक में एसडीएम ने हाल ही में डूंगरपुर में हुए कांकरी डूंगरी उपद्रव को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए। वहीं कोविड-19 को लेकर सुरक्षा के उपाय एवं क्षेत्र में बढ़ रहे मरीजों को लेकर चर्चा की। कोरोना को लेकर आमजन में जागरूकता को लेकर विशेष निर्देश दिए गए। बैठक में सदर इदरीस मोहम्मद, अयाज मोहम्मद, कन्हैयालाल गरासिया, कालु मकरानी, जहीर मोहम्मद, सुरेंद्र रावल सहित ब्लाॅक स्तरीय अधिकारी एवं शांति समिति सदस्य उपस्थित थे।

कुशलगढ़| डूंगरपुर की कांकरी डूंगरी में हुए घटनाक्रम के मद्देनजर जिला कलेक्टर के निर्देश पर तहसील सभा भवन में शांति समिति, ग्राम रक्षक दल एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर क्षेत्र में कानून व्यवस्था की समीक्षा की। उपखंड अधिकारी विजयेश पंड्या ने क्षेत्र में शांति एवं सामाजिक सद्भाभाव बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित किया। वृत्ताधिकारी संदीप सिंह ने आगामी दिनों में आने वाले त्योहारों को सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही मनाने और कोरोना संक्रमण को लेकर हाल के दिनों में आमजन द्वारा बरती जा रही लापरवाही पर चिंता व्यक्त करते हुए लोगों को कठोरता से गाइड लाइन की पालना करने के लिए प्रेरित करने की बात कही। बैठक में थानाधिकारी प्रदीप कुमार, रेंजर छोटूलाल वर्मा, रामगढ़ सरपंच राकेश निनामा, नायब तहसीलदार नितिन मेरावत, एसीबीईओ सब्बू रावत, अभियंता पीएचडी निखिल त्रिवेदी, पंचायत प्रसार अधिकारी बालसिंह रूणा सहित अन्य ब्लॉक स्तरीय अधिकारी, जनप्रतिनिधि और प्रबुद्धजन मौजूद रहे।

बागीदौरा| डूंगरपुर में हुए उपद्रव व आगजनी के घटनाक्रम को लेकर उपजे तनाव के बाद शांति समिति की बैठक कलिंजरा थाने में आयोजित की गई। बैठक में अधिकारियों ने क्षेत्र में सौहार्द्र व शांति का माहौल बनाने की अपील की गई। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों व आम नागरिकों को क्षेत्र में किसी भी प्रकार की घटना की जानकारी तत्काल प्रशासन व पुलिस काे देने की बात कही। साथ ही बढ़ रहे कोरोना संक्रमण से बचने के लिए नो मास्क नो एंट्री अभियान संबंधी चर्चा की गई। बैठक में उपखंड अधिकारी मांगीलाल रैगर, डीवाईएसपी देवाराम चौधरी, बागीदौरा तहसीलदार शांतिलाल जैन, विकास अधिकारी संजय चरपोटा, ब्लॉक सीएमएचओ डॉ प्रवीण लबाना, एसीबीईओ नीरज दोसी, थानाधिकारी देवीलाल

मीणा, सरपंच रुकमणी आर्य सहित समस्त सरपंचगण, जनप्रतिनिधि एवं प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।
सल्लोपाट| सल्लोपाट थाना परिसर में बागीदौरा उपखंड अधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक के सान्निध्य में सीएलजी की बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में उपखंड अधिकारी मांगीलाल रैगर ने कहा कि आने वाले दिनों में जो त्योहार है उनको सरकार की गाइड लाइन के अनुसार ही मनाए जाने के लिए समाजजनाें काे प्रेरित करना है। कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए साेशल डिस्टेंस की पालना, नो मास्क नो एंट्री के सूत्र को अपनाने और दुकानदारों काे खुद

मास्क लगाने और जिस ग्राहक ने मास्क नहीं लगाया हो उसे बिना मास्क सामान नहीं देने की बात कही। बागीदौरा पुलिस उपाधीक्षक देवाराम चौधरी ने यातायात नियमों की पालना करने की अपील की। बैठक में गांगड़तलाई नायब तहसीलदार, शंकरलाल वढेरा, डॉ भगतसिंह तंबोलिया व सल्लोपाट पटवारी मनोज कुमार, सीएलजी सदस्य किरीट कुमार शाह, फजले मोहम्मद,
राजेन्द्र कुमार, हवसिंह डिंडोर, शाहिद खान धूलचंद मौजूद थे।



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Brainstorming measures to protect against the increasing cases of Kankri Dungri nuisance and carrona of Dungarpur


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/ghatol/news/brainstorming-measures-to-protect-against-the-increasing-cases-of-kankri-dungri-nuisance-and-carrona-of-dungarpur-127766389.html

अब मतदाता वैकल्पिक फोटो युक्त दस्तावेज प्रस्तुत कर सकेंगे। पंचायती राज संस्थाओं पंच, सरपंच के आम चुनाव माह सितंबर अक्टूबर 2020 के लिए मतदान के उद्देश्य से मतदाता को अपनी पहचान स्थापित करने के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जारी निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करना होगा। यदि कोई निर्वाचक अपना निर्वाचक फोटो पहचान पत्र प्रस्तुत करने में असमर्थ रहता है तो उसे अपनी पहचान स्थापित करने के लिए 12 अन्य वैकल्पिक फोटोयुक्त दस्तावेजों में से कोई एक दस्तावेज प्रस्तुत करना होगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी कलेक्टर डॉ जितेंद्र कुमार सोनी के निर्देशानुसार मतदाता मतदान करने के निमित्त आधार कार्ड, पासपोर्ट, ड्राइविंग लाइसेंस, आयकर पहचान पत्र, मनरेगा जॉब कार्ड , सांसदों एवं विधानसभा सदस्यों को जारी किए हुए सरकारी पहचान पत्र या केंद्र या राज्य सरकार, राज्य पब्लिक लिमिटेड कंपनी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम द्वारा अपने कर्मचारियों को जारी किए जाने वाले फोटो युक्त सेवा पहचान पत्र प्रस्तुत कर सकेगा।

जिला निर्वाचन अधिकारी के अनुसार यह सभी फोटोयुक्त पहचान पत्र निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी होने चाहिए। निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि पंचायती राज संस्थाओं के संदर्भ में वह तिथि है जिस दिन पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव कार्यक्रम राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा घोषित किए गए।

फोटो युक्त कोई भी दस्तावेज बता सकेंगे
इसके साथ ही श्रम मंत्रालय द्वारा जारी फोटोयुक्त स्वास्थ्य बीमा योजना, स्मार्ट कार्ड, निर्वाचन कार्यक्रम घोषित होने की तिथि से पूर्व जारी फोटोयुक्त जैसे कि भूतपूर्व सैनिक पेंशन बुक, पेंशन अदायगी आदेश, भूतपूर्व सैनिक की विधवा, आश्रित प्रमाण पत्र, वृद्धावस्था पेंशन आदेश, विधवा पेंशन आदेश, सक्षम अधिकारी द्वारा जारी फोटोयुक्त छात्र पहचान पत्र, सक्षम अधिकारियों द्वारा जारी फोटोयुक्त शारीरिक विकलांगता प्रमाण पत्र, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक से कार्यक्रम ई डाकघर द्वारा जारी फोटोयुक्त पासबुक मतदाता को मतदान करने के निमित्त दिखानी होगी।



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Voters will be able to submit optional documents, one of 12 other optional photo documents has to be submitted.


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/voters-will-be-able-to-submit-optional-documents-one-of-12-other-optional-photo-documents-has-to-be-submitted-127766381.html

भापाेर कैनाल के पास अाॅटाे का इंतजार कर रहे एक युवक से मारपीट कर 300 रुपए छीन लिए। पीड़ित युवक के साथ इतनी मारपीट की गई काे उसे अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। पीड़ित युवक ने काेतवाली में नामजद इसी अाशय की रिपाेर्ट दी है। रिपाेर्ट में वड़लीपाड़ा भापाेर निवासी हकरू राणा ने बताया कि घटना 25 सितंबर की है। वह राेजाना की तरह मजदूरी करने के बाद बांसवाड़ा से घर लाैटने के लिए भापाेर में कैनाल के पास अाॅटाे का इंतजार कर रहा था। इसी दाैरान अभियुक्त खांदू काॅलाेनी निवासी दीनदयाल खराड़ी, सुशील खराड़ी, राजू खराड़ी अाैर 8 से 10 अन्य के साथ अाए अाैर जेब से जबरन मजदूरी के 300 रुपए छिन लिए। हकरू ने जब इसका विराेध किया ताे लट्ठ से उसके साथ

मारपीट की। जिससे वह घायल हाे गया। चिल्लाने पर कुछ लाेग माैके की तरफ अाए ताे अभियुक्त वहां से चले गए। बाद में हकरू काे अस्पताल भर्ती कराया गया। रिपाेर्ट में बताया कि मारपीट से घायल हाेने पर उसके सिर में 11 टांके अाैर कान के पिछले हिस्से में 4 टांके लिए गए है। पुलिस ने रिपाेर्ट दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/300-rupees-looted-and-beaten-by-young-man-near-bapare-canal-127766380.html

लोहारिया थाना क्षेत्र के जंतोड़ा गांव में सोमवार देर रात को गांव में गश्त कर रहे ग्रामीणों ने गांव से भैंसे काे लेकर जा रही पिकअप को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। जंतोड़ा में सोमवार आधी रात को गश्ती दल में शामिल भूरालाल व कुबेरलाल गोनजी भाई आदि ने गांव से होकर जा रही पिकअप को रुकवा कर देखा तो एक कान कटा बड़ा भैंसा अंदर बंधा हुआ था। इसको लेकर पिकअप में बैठे लोगों से जानकारी मांगी तो वे कोई संतोषप्रद जवाब नहीं दे पाए। शंका होने

पर ग्रामीणों ने इसकी जानकारी लोहारिया थाना पुलिस को दी। जिस पर मौके पर पुलिस के पहुंचने के बाद ग्रामीणों ने पिकअप को पुलिस के सुपुर्द किया। इधर सुंदनी, जन्तोड़ा, मूंगाणा, मोयावासा आदि क्षेत्र में लगातार पशुओं की चोरियां होने से ग्रामीण भयभीत हैं। ऐसे में अपने पशुओं ओर घरों की रखवाली के लिए ग्रामीण स्वयं गश्त कर रहे हैं। करीब एक सप्ताह पहले भी जंतोड़ा के ग्रामीणों ने चार गायों को लेकर जा रहे वाहन को पकड़कर पुलिस को सौंपा। उक्त मार्ग सुंदनी-उदयपुर मुख्य मार्ग वाया जंतोड़ा-सगवाड़िया होकर गढी-डूंगरपुर मुख्य मार्ग और इधर तलवाड़ा-त्रिपुरा सुंदरी वाया छींच होकर बागीदौरा गुजरात मार्ग को जोड़ता है। रात के समय यहां अक्सर पशुओं से भरे वाहन गुजरते हैं।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/chidiyawasa/news/buffalos-pickup-in-jantoda-was-stopped-by-the-patrol-and-handed-over-to-the-police-127766376.html

काेराेनाकाल में प्रवासी राजस्थानी दूसरे राज्याें से लाैटकर गांवाें में अब अपनाें के बीच है, उन्हीं की वजह से इस बार पंचायत चुनाव में वाेटिंग प्रतिशत बढ़ा है। काेराेना से पहले पंचायत चुनाव में जनवरी 2020 में वाेटिंग प्रतिशत 81.83 रहा था जबकि इस बार काेराेना के बीच 83.50 प्रतिशत मतदान हुआ है। यानी की करीब पाैने दाे प्रतिशत वाेटिंग में इजाफा दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कि अगले चरणाें में भी वाेटिंग प्रतिशत इसी तरह बढ़ा हुआ देखने काे मिलेगा।

अभी पंचायत चुनाव के तीन चरण हाेने शेष है। जिसमें करीब पाैने तीन हजार ग्राम पंचायतें शामिल है। इसके अलावा पंचायत समिति और जिला परिषद के चुनाव हाेने शेष है। ये तय माना जा रहा है कि अगले चरणाें में भी वाेटिंग प्रतिशत बढ़ेगा। गाैरतलब है कि काेराेना के कारण लाखाें प्रवासी जाे दूसरे राज्याें में काम करते थे वाे अब लंबे समय से गांवाें में है। राज्य सरकार व केंद्र सरकार दाेनाें ने ही प्रवासियों काे गांवाें में काम दिलाने की दिशा में याेजनाएं संचालित कर रखी है।


राजस्थान में हुए चुनाव और आयाेग की वर्किंग पर देशभर में चर्चा

राजस्थान में पंचायत चुनाव के तहत हुई वाेटिंग और इस दिशा में राज्य निर्वाचन आयाेग के आयुक्त पीएस मेहरा व कलेक्टराें द्वारा किए गए कार्याें की चर्चा पूरे देशभर में रही। कुछ राज्याें के चुनाव आयाेगाें ने प्रदेश का चुनावी माॅडल फाॅलाे करने की दिशा में काम भी शुरु कर दिया है।



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Waiting percentage increased due to migrant latency in villages, also changed equations


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/waiting-percentage-increased-due-to-migrant-latency-in-villages-also-changed-equations-127766374.html

राष्ट्रीय क्षत्रिय महापरिषद संगठन की बैठक मंगलवार को डायलाब हनुमान मंदिर परिसर में जिला संगठन अध्यक्ष वीरेंद्र सिंह खाखरियागड़ा की अध्यक्षता में हुई। इसमें पिछले दिनों डूंगरपुर हाईवे पर हुई हिंसात्मक घटना की निंदा करते हुए शिक्षक भर्ती के रिक्त पदों को अनारक्षित वर्ग से ही कट ऑफ प्रतिशत कम करके भरने और अनारक्षित वर्ग का अधिकार सुरक्षित रखने की मांग। साथ ही संगठन ने मांगों को लेकर जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिय।
बैठक में जिलाध्यक्ष ने जिले की नई कार्यकारिणी व तहसील अध्यक्ष का भी मनोनयन किया गया। जिला कार्यकारिणी में जयवीरसिंह सुंदनी महासचिव, होनीप्रतापसिंह बाईं का गड़ा संगठन मंत्री, जयदीपसिंह गनोड़ा, राजपालसिंह दलजी का

गड़ा, वीरपालसिंह गोपीनाथ का गड़ा, उपाध्यक्ष, छत्रपालसिंह ठीकरिया चंद्रावत जिलामहा मंत्री, लोकेंद्रसिंह बाई का गड़ा जिला संयोजक, सुरेंद्रसिंह डालिया, गौतमसिंह राठौड़ नवागांव जिला प्रचारमंत्री नियुक्त किया गया। साथ ही जिला संगठन मंत्री ने अपनी कार्यकारिणी का विस्तार करते हुए गनोड़ा तहसील अध्यक्ष गोवर्धनसिंह गनोड़ा, घाटोल तहसील अध्यक्ष चंद्रवीरसिह खेरवा, गढ़ी तहसील अध्यक्ष लोकेन्द्रसिंह कुमजी का पारड़ा, गढ़ी विधानसभा अध्यक्ष मनवीरसिंह धूलजी का गड़ा, बांसवाडा विधानसभा संगठन मंत्री महेंद्रसिंह को नियुक्त किया गया। इस दौरान बैठक में गजेंद्रसिंह, हेमेंद्रसिंह, पुष्पराजसिंह, प्रिंसराजसिंह, विक्रमसिंह, जयसिंह, महासचिव शैलेंद्रसिंह, हेमेंद्रसिंह बरोड़ा उपस्थित रहे।c



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Kshatriya General Council condemned the nuisance, reduce vacant post cut-off and fill it from unreserved category


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/kshatriya-general-council-condemned-the-nuisance-reduce-vacant-post-cut-off-and-fill-it-from-unreserved-category-127766373.html

पंचायत समिति सज्जनगढ़ की ग्राम पंचायतों में विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत कार्यों के क्रियान्वयन में उदासीनता को लेकर मंगलवार को जिला कलेक्टर अंकित कुमार सिंह, जिला परिषद मुख्य कार्यकारी अधिकारी नरेश कुमार मालव ने ग्राम विकास अधिकारियों, पंचायत समिति के कार्मिकों की बैठक ली। बैठक में योजनावार, ग्राम पंचायत वार विकास कार्यों की समीक्षा की। विभिन्न योजनाओं में स्वीकृत विकास कार्यों की निम्न प्रगति वाली पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारियों को

फटकार लगाते हुए अपूर्ण पड़े कार्याें को जल्द पूर्ण करने के निर्देश प्रदान किए। साथ ही ग्राम विकास अधिकारियों, संबंधित कनिष्ठ अभियंताओं को फटकार लगाते हुए अधूरे पड़े विकास कार्यों को जल्द पूरा करने एवं पूर्ण हो चुके कार्यो की यूसीसीसी सात दिन के अंदर जमा करवाने के निर्देश दिए हैं। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि साल 2016 से अब तक सैंकड़ों कार्यो का कोई हिसाब नहीं है, मौके पर कार्य अधूरे पड़े हैं। यह अच्छी बात नही है प्रधानमंत्री आवास योजना के बारे

में भी समीक्षा की है। सीओ ने कहा कि प्रतिदिन पंचायत भवन में बैठकर ग्राम विकास अधिकारियों एवं संबंधित कार्मिकों को आमजन की समस्याओं का हाथों हाथ निस्तारण करने में कोई उदासीनता नहीं बरतें। शिकायत आने पर सख्त कार्यवाही करने की चेतावनी दी। वर्ष 2017 से 2019 में स्वीकृत सभी कार्यों में पूर्ण हो चुके हैं, इनके बिल ऑनलाइन करवाने में कोई कोताही नहीं बरतें और सामान्य मद में बिना कार्य योजना के राशि खर्च नहीं की जाने की बात कही। समीक्षा बैठक में एसीईओ राजकुमार सिंह शक्तावत, उपखंड अधिकारी हेमराज परिडवाल, जिला परिषद सहायक अभियंता नटवरलाल मेरावत, विकास अधिकारी ऋषिराज मीणा आदि मौजूद रहे।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/instructions-to-complete-incomplete-development-work-soon-collector-and-ceo-reviewed-gram-panchayat-wise-development-works-in-sajjangarh-127766370.html

शहर के तेलीनाडा मार्ग पर लंबे समय से बंद पड़ी कपास फैक्ट्री में मौके का फायदा उठाते हुए लाखों रुपये कीमत की मशीनों को चुरा ले गए। मंगलवार को जब फैक्ट्री का मालिक यहां पहुंचा और फैक्ट्री में से मशीन व सामान गायब देखा तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। घबराए फैक्ट्री संचालक ने पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौका देखते हुए संचालक की रिपोर्ट के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की।

थानाधिकारी देवीलाल बिश्नोई ने बताया कि ढाढ़रिया निवासी घनश्याम पुत्र देवाराम ने रिपोर्ट दर्ज कराई कि उसकी कपास जिनिंग फैक्ट्री बाबा रामदेव नाम से है जो कि शहर के तेलीनाडा मार्ग पर स्थित है। इस फैक्ट्री को कपास की सीजन खत्म होने के पश्चात हम जोधपुर चले गए। वापस आए तो देखा फैक्ट्री में जिनिंग मशीन एवं उसमें लगने वाले समान से अलमारी भरी हुई थी जिसकी कीमत करीब साढ़े तीन लाख रुपए थी।

यहां एक प्रेस मशीन रखी हुई थी जिसकी कीमत दस लाख अस्सी हजार रुपए है। इस संबंध में थानाधिकारी देवीलाल विश्नोई ने बताया कि फैक्ट्री लंबे समय से बंद पड़ी हुई थी। मालिक की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। चोर जल्द ही गिरफ्त में होंगे।



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Machinery theft of Rs 14.30 lakh from closed cotton mill, factory operators had gone to Jodhpur due to off-season


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/kuchera/news/machinery-theft-of-rs-1430-lakh-from-closed-cotton-mill-factory-operators-had-gone-to-jodhpur-due-to-off-season-127766367.html

राजस्थान ट्रायबल एरिया विकास समिति के अध्यक्ष गाेपीराम अग्रवाल ने कलेक्टर काे पत्र लिख कर उन्हें अवगत करवाया कि बांसवाड़ा अाैर छाेटी सरवन तहसीलदाराें ने टापुअाें के सर्वे संबंधी आदेशों की पालना नहीं की। इस संबंध में पूर्व में कलेक्टर द्वारा दोनों तहसीलों के तहसीलदारों को माही बांध जलभराव क्षेत्र के टापुओं की पर्यटन विकास की दृष्टि से सर्वे कर उनकी रिपोर्ट बना कर कलेक्टर कार्यालय को सौंपे जाने के आदेश दिए गए थे। इसके बावजूद दोनों तहसीलदारों ने सर्वे रिपोर्ट बनाकर नौ माह बाद तक कलेक्टर को नहीं दी और कलेक्टर के आदेश की पालना नहीं की। जबकि उन्हें कलेक्टर द्वारा 9 जनवरी 2020 काे जारी अादेश की पालना कर रिपाेर्ट देनी थी।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/the-survey-orders-of-the-islands-have-not-been-maintained-the-tehsildars-of-the-tehsils-were-ordered-to-survey-the-islands-of-the-mahi-dam-waterlogging-area-with-a-view-to-tourism-development-and-submit-their-report-to-the-collector-office-127766366.html

नीट-2020 का रिजल्ट सबसे चौंकाने वाला परिणाम रहने वाला है। आसान पेपर के कारण इस साल कट ऑफ बढ़ना तय है। वहीं टॉपर के अंक भी इस साल 720 में से 710 से अधिक ही रहेंगे। जो कि एक रिकॉर्ड रहेगा। नीट में अब तक कोई छात्र इतने अंक हासिल नहीं कर पाया, जो इस साल का टॉपर स्कोर करेगा।

इस साल कई छात्र 700 से अधिक अंक हासिल करेंगे। कट ऑफ में अप्रत्याशित बढ़ोतरी होना भी पक्का है। हालांकि इससे मेडिकल कॉलेजों में दाखिले के लिए कॉम्पिटीशन काफी बढ़ जाएगा। एक्सपर्ट्स ने नीट के इतिहास में 2020 के पेपर को सबसे आसान बताया है। दरअसल, आंसर की जारी होने के बाद स्टूडेंट्स ने अपने मार्क्स कैल्कुलेट कर लिए हैं।

आंसर की पर आपत्ति देने का समय भी समाप्त हो गया है। एक व दो सवालों के उत्तर पर ही छात्रों को संशय है। साल 2019 में राजस्थान के ही छात्र नलिन खंडेलवाल ने 701 अंक हासिल करके टॉप किया था। सिर्फ तीन छात्र ही 700+ अंक हासिल कर पाए थे।

इस साल 700+ अंकों की कैटेगिरी मे अधिक छात्र शामिल होंगे। हालांकि नीट के रिजल्ट की अधिकृत तारीख तय नहीं है, लेकिन अक्टूबर के पहले या दूसरे सप्ताह तक रिजल्ट देना होगा, क्योंकि इसके बाद मेडिकल काउंसलिंग की लंबी प्रक्रिया को भी पूरा करना है।

600 प्लस अंकों पर मिल जाएगा सरकारी मेडिकल कॉलेज

मेडिकल कॅरिअर काउंसलर डॉ. आशीष महेंद्र का कहना है कि हाई स्कोरिंग के कारण इस साल 600 प्लस अंकों पर ही सरकारी मेडिकल कॉलेज अलॉट होगा। लेकिन कॉलेजों में दाखिले की प्रतिस्पर्धा बढ़ जाएगी। यह बात भी तय है कि इस साल का नीट परिणाम पुराने सभी परिणामों में बने रिकॉर्ड तोड़ देगा।

पिछले सालों में ये रही नीट की कट ऑफ

कैटेगिरी 2019 2018 2017
अनरिजर्व्ड 701-134 691-119 697-131
एसटी 133-107 118-96 130-107
एससी 133-107 118-96 130-107
ओबीसी 133-107 118-96 130-107


स्तरीय होना चाहिए था पेपर

सबसे प्रतिष्ठित मेडिकल संस्थान एम्स में भी नीट के अंकों के आधार पर दाखिला मिलेगा। एक्सपर्ट मानते हैं कि इस कारण पेपर स्तरीय होना चाहिए था, जो कि नहीं था।



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नीट-2020 का रिजल्ट सबसे चौंकाने वाला परिणाम रहने वाला है


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/neets-result-will-be-very-shocking-to-get-710-marks-out-of-720-exam-topper-127766363.html

जिले में काेराेना से संक्रमित हाेकर हाेने वाली माैताें की दर 0.98 तक पहुंच गई है। यह मृत्युदर ऐसे समय में कम हुइ है जब नागाैर में काेराेना से हाेने वाली माैताें काे लेकर जमीनी हकीकत और प्रशासन और चिकित्सा विभाग के आंकड़ाें में अंतर है। मृत्युदर कम हाेने का बड़ा कारण ही यह है कि काेराेना से हाेने वाली माैताें काे चिकित्सा विभाग मिलान ही नहीं कर रहा है। जानकार बताते है कि इसमें बड़ी गफलत है।

क्योंकि जब मौतों की गिनती ही नहीं हो रही है तो दर कम ही होगी। इधर एक खास बात यह है कि पॉजिटिव होने की दर वर्तमान में 4.31 फीसदी रही। इन सबके बीच डर की बात यह है कि 825 एक्टिव मरीज नागौर में दर्ज है। डॉ. मेहराम महिया का कहना है कि सैंपलिंग की संख्या बढ़ी है। इससे भी फर्क पड़ा है। स्क्रिनिंग से लाभ हुआ है।

जेएलएन अस्पताल और पुराना अस्पताल में कोरोना की जांच के लिए सैंपल एकत्रित किए जाने के केंद्र बने हुए है। यहां पर बीमार होकर लोग अभी भी पहुंच रहे है। यहां पर प्रतिदिन 40 से ज्यादा मरीज पहुंच रहे है और सैंपल दे रहे है। जानकारी के अनुसार दोपहर दो बजे जेएलएन अस्पताल के पीछे के गेट पर संदिग्धों की कतारें देखी जा सकती है। हालांकि वहां पर रूकने के लिए कोई व्यवस्था नहीं है। अस्पताल का कहना है कि लोगों के आने की संख्या कम ही रहती है। सैंपल लेने की गति भी तेज होती है इसलिए वहां अधिक व्यवस्था नहीं है।
सैंपलिंग बढ़ने से सच्चाई आ रही सामने : सूत्र बताते है कि सैंपलिंग बढ़ाए जाने से सारी सच्चाई सामने आ रही है। क्योंकि कोरोना के शुरूआत के दौर में सैंपल की गति कम थी। लेकिन गत दो माह में चिकित्सा विभाग ने सैंपल लेने की गति बढ़ा दी है। इससे अधिक लोग जांच के दायरे में आ गए है। इससे पॉजिटिव मरीज तुरंत ही सामने आ रहे है।

इधर, सैंपल देने अभी भी पहुंच रहे लोग, जिले में 108466 लोगों की हुई सैंपलिंग
76 कोरोना के नए मरीज : चिकित्सा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार कोरोना से 76 संक्रमित मंगलवार को सामने आए। अब तक कुल संक्रमित 4685 हो चुके है। मंगलवार को 779 लोगों के सैंपल लिए गए। इसके अलावा 3814 मरीज अब तक डिस्चार्ज हो चुके है। हालांकि चिकित्सा विभाग के अनुसार मौतों का आंकड़ा अभी भी 46 ही है। इसके साथ ही 27 के करीब मरीजों को डिस्चार्ज किया गया।

हालांकि सूत्र बताते है कि 45 से ज्यादा मरीजों को मंगलवार को डिस्चार्ज किया गया है। बात पैंडिंग रिपोर्टों की करें तो 780 सैंपल की जांच होनी अभी बाकि है। 108466 लोगों के सैंपल अब तक लिए जा चुके है।



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जेएलएन के पीछे के दरवाजे पर सैंपल देने पहुंचे लोग।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/76-new-positives-mortality-rate-decreased-to-098-but-infection-rate-431-percent-carena-positive-patients-reach-4685-informed-said-data-stagnant-127766359.html

इंजीनियरिंग काॅलेज बांसवाड़ा में बीटेक अंतिम वर्ष के दो विद्यार्थियों का चयन टैक्स सेंटर इंफो सिस्टम में हुआ। ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट अधिकारी बुलबुल मेवाड़ा ने बताया कि काॅलेज के अंतिम वर्ष सिविल संकाय के विद्यार्थी निशांत गुप्ता और निखिल जोशी का चयन टैक्स सेंटर इंफो सिस्टम कंपनी में हुआ। महाविद्यालय द्वारा साक्षात्कार 19 सितंबर को अंतिम वर्ष के सिविल इंजीनियरिंग विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन प्लेसमेंट ड्राइव के माध्यम से किया गया। दोनों विद्यार्थियों को

प्राचार्य डाॅ. बीएल गुप्ता द्वारा कंपनी से प्राप्त ऑफर लेटर वितरण किए हैं। उन्होंने बताया कि छात्रों को अनुकूल एवं संतोषप्रद पैकेज मिला है एवं भविष्य में भी इसी तरह प्लेसमेंट ड्राइव का आयोजन किया जाएगा। ऑफर लेटर वितरण के दौरान महाविद्यालय के रजिस्ट्रार डाॅ. मनीष कुमार बंसल, टीपीओ बुलबुल मेवाड़ा, सिविल विभागाध्यक्ष अजय भट्ट एवं असिस्टेंट प्रोफेसर चंदन पटेल उपस्थित रहे।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/placement-of-two-btech-students-from-engineering-college-127766358.html

भूजल विभाग की ओर से पिछले दिनाें आमंत्रित टेंडर बीएसअार दराें से 48 प्रतिशत कम दराें पर उठने का गणित जिले के बड़े अधिकारी ताे क्या प्रभारी मंत्री भी नहीं समझ पा रहे। चार दिन पहले समीक्षा बैठक में प्रभारी मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने इस संबंध में सवाल किया ताे बड़े अधिकारियाें के पास भी इसका सटीक जवाब नहीं था। भूजल विभाग ने पिछले दिनाें करीब साढ़े पांच कराेड़ रुपए के कार्याें के ऑनलाइन टेंडर किए थे।ऑनलाइन प्रक्रिया पहली बार शुरू की गई थी। इनमें से करीब पचास प्रतिशत कार्याें के टेंडर बीएसअार दराें से 48 प्रतिशत कम पर उठे थे। शेष राशि के टेंडर भी औसत तीस प्रतिशत कम दराें पर उठे थे। यह सभी काम 31 दिसंबर तक पूरे करने हैं। इनमें से कुछ काम अब तक शुरू नहीं हाे सके। ऐसे में मंत्री काे अाशंका थी कि इतनी कम दराें पर ठेके उठे, अब तक काम शुरू नहीं हुए। ठेकेदार इन कामाें काे करेगा भी या नहीं। यदि करता है ताे इतनी कम दराें पर क्वालिटी कैसे मेंटेन करेगा। बैठक में उपस्थित

विभागीय अधिकारी काेई संताेषप्रद जवाब नहीं दे सके। मंत्री ताे बैठक के बाद चले गए, लेकिन यह सवाल अनुत्तरित रह गया। अधिकारी यह नहीं समझ पा रहे हैं कि बीएसआर दर तय करने वाले इंजीनियर फेल हैं या ठेकेदार फेल हाेगा। बीएसआर दर तय करने के लिए लंबी चाैड़ी विभागीय प्रक्रिया है। इसके बाद इंजीनियर काम की दर तय करते हैं। इंजीनियर जाे बीएसआर दर तय कर रहें। दूसरी ओर ठेकेदार इन इंजीनियराें की याेग्यता पर ही सवाल करते हुए उससे औसत 40 प्रतिशत कम दराें पर यह काम पूरा कर रहे हैं। एेसा कैसे संभव हाे रहा है।

कच्चे काम मानव श्रम के बजाय मशीनाें से हाेंगे : इतनी कम दराें पर टेंडर छूटने के पीछे मूल कारण यह रहा कि मानव श्रम व मशीनाें से हाेने वाले कार्य की बीएसअार दरें अलग-अलग हैं। मानव श्रम से कार्य की बीएसअार दरें अधिक हैं। मेड़बंदी, छाेटे चेक डेम जाे मानव श्रम के जरिए हाेते थे, वे काम अब मशीन से हाेंगे। मानव श्रम से इन कामाें की लागत अधिक आती थी। समय भी ज्यादा लगता था। मशीनाें से काम कम समय में कम लागत से पूरा हाे जाएगा। वर्तमान में ग्रामीण इलाकाें में महानरेगा जैसी याेजनाओं में भी राेजगार की मांग कम है। ऐसे में यह काम मशीनाें से आसानी से पूरा हाे जाएगा।

ठेकेदारों की मशीनें फ्री खड़ी है इसलिए कम में लिए टेंडर

अब जिला परिषद सीईओ सहित अन्य बड़े अधिकारी इस पर मंथन कर रहे हैं। विभाग के अधीक्षण अभियंता से इस बारे में जानकारी मांगी गई ताे उनका कहना था कि पहली बार ऑनलाइन टेंडर हुअा था। एेसे में बाहुबलियाें की चली नहीं। पहले स्थानीय स्तर के ठेकेदार ही निविदा में भाग लेते थे। ऑनलाइन हाेने से पूरे राजस्थान के बड़े ठेकेदार भी भाग ले रहे थे। जिस ठेकेदार ने टेंडर लिया वह डबल ए क्लास कांट्रेक्टर है। उसकी स्वयं के सभी संसाधन है। विभाग ने पांच

प्रतिशत धराेहर राशि के साथ ही बीएसअार दर व उसे आवंटित दर के बीच की डिफरेंस राशि की सिक्युरिटी रख ली है, ताकि ठेकेदार पर अंकुश रहे। बीच में काम छाेड़ कर नहीं जाए व क्वालिटी वर्क दे। अधिकारियाें का एक तर्क यह भी है कि काेविड के दाैर में कई बड़े ठेकेदारों की मशीनरियां फ्री खड़ी है। काम है नहीं और उन्हें लाेन पर ली गई इन मशीनाें की किश्तें चुकानी है। एेसे में अाॅनलाइन टेंडर हाेने से कंपीटीशन बढ़ गया। यहां से जाे भी पैसा िमलेगा, उससे किश्तें चुक सकेगी। इस साेच से उन्हाेंने काफी कम दराें पर टेंडर उठाए हैं।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/questions-arising-on-the-quality-of-tender-works-at-48-less-than-bsr-127766356.html

सात माह से कोरोना काल में बिना अवकाश लिए ड्यूटी रहे एक कर्मचारी पर चिकित्सा विभाग ने कार्रवाई के लिए लिखा है। यह पत्र एमसीएच विंग प्रभारी की शिकायत के बाद आया है। एमसीएच विंग के प्रभारी ने कनिष्ठ सहायक ईश्वरसिंह के खिलाफ काम पर नहीं आने को लेकर शिकायत दी थी। यह शिकायत अगस्त के शुरूआती सप्ताह में दी गई थी। 13 अगस्त के आस पास नोटिस मिला।

इसके बाद परेशान होकर कर्मचारी ने पीएमओ डॉ. शंकरलाल को एमसीएच प्रभारी द्वारा परेशान करने की शिकायत की तो प्रभारी ने पीएमओ को पत्र लिखा और ईश्वरसिंह के कार्यदिवस की जानकारी देने की बात कही गई। इससे पहले करीब पांच दिन पहले कर्मचारी ने पीएमओ को पत्र लिखा और बताया कि उसे परेशान किया जा रहा है और वह आत्महत्या करना चाहता है। इस पत्र की एक प्रति कलेक्टर और सीएमएचओ को भी भेजी गई है।

खास बात यह है कि वरिष्ठों के बीच का विवाद अस्पताल पर भारी पड़ता दिख रहा है। कर्मचारी को परेशान करने के मामले को लेकर जेएलएन अस्पताल के पीएमओ डॉ. शंकरलाल का कहना है कि उच्च अधिकारियों से पत्र मिला है। लेकिन यह अस्पताल का मामला है। पत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट की गई है। इधर, शिकायत को लेकर जब एमसीएच विंग के प्रभारी से संपर्क किया गया तो उनसे संपर्क नहीं हो सका। उनका फोन लगातार व्यस्त रहा।

कर्मचारी का दावा : कोरोना ड्यूटी के दौरान 7 माह में 1 भी अवकाश नहीं लिया, इस समर्पण का ऐसा प्रतिफल क्यों

अगस्त में जब शिकायत की गई थी तो इसके बाद संयुक्त निदेशक ने पीएमओ को शिकायत दी थी। जिसमें काम नहीं करने की शिकायत की गई थी। इसके बाद संयुक्त निदेशक ने पीएमओ को लिखे पत्र में बताया कि कनिष्ठ सहायक को काम करने के लिए दो बार पाबंद किए जाने के बाद भी 11 अगस्त तक काम शुरू नहीं किया गया है। जिसमें कार्मिक को तीन दिन काम करने के लिए पाबंद किया गया था।

पत्र मेें यह भी लिखा गया था कि सरकार द्वारा निर्धारित नवीनतम प्रपत्र में आरोप पत्र तैयार कर भेजा जाए। इसके बाद पीएमओ ने नौ सितंबर को जवाब में बताया कि कर्मचारी को कोरोना रिपोर्टिंग के लिए लगाया गया है। कर्मचारी का कहना है कि इसके बाद मामला समझाइश के स्तर पर आ गया और उसने खुद प्रभारी के पास जाकर शिकायत करने का कारण पूछा तो कोई जवाब नहीं मिला।
कर्मचारी ने पांच दिन पहले आत्महत्या की जताई मंशा
करीब 23 सितंबर को कर्मचारी ने पीएमओ को पत्र लिखा जिसमें प्रभारी अधिकारी द्वारा परेशान करने की बात बताई गई। पत्र में बताया गया है कि वह पीएमओ के आदेश से ही आरटीपीसीआर लेब में पेंडिंग फॉर्म का कार्य करता है। सात माह से एक भी दिन अवकाश नहीं लिया है। इस पर प्रभारी बार बार परेशान कर रहे है। घर भी दो से तीन घंटे के लिए ही जाना होता है। लेकिन गलत शिकायत कर संयुक्त निदेशक से उसके खिलाफ 17 सीसीए की कार्यवाही के लिए लिखा गया।

पत्र में एमसीएच से कार्य से मुक्त कर हटाने के लिए कहा गया। कर्मचारी ने कहा कि विंग से नहीं हटाया गया तो परेशान होकर आत्महत्या ही रास्ता बचेगा। इसी दिन प्रभारी ने पीएमओ को पत्र लिखा और ड्यूटी के दिनों की जानकारी मांगी गई। इस पत्र में अन्य कर्मचारी को लगाने की बात भी लिखी गई है। इसके बाद अन्य कर्मियों की व्यवस्था किए जाने की सूचना है। मामला कई दिनों से जेएलएन अस्पताल में चर्चा में चल रहा है।



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जेएलएन अस्पताल, जहां चल रहा है विवाद।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/when-the-mch-in-charge-sent-the-complaint-letter-the-employee-said-i-will-commit-suicide-the-employee-claims-not-to-take-even-1-leave-in-7-months-during-corona-duty-why-such-a-result-of-this-dedication-127766355.html

शहरवासी हर साल भंडारिया क्षेत्र में स्थित डंपिंग यार्ड से निकलते दूषित धुएं से परेशान हाेते हैं। उन्हें अब अप्रैल 2021 तक इस पूरी समस्या से छुटकारा मिल जाएगा। इससे न सिर्फ लाेग स्वस्थ्य रहेंगे, बल्कि नगर परिषद काे भी इससे दाे तरह से फायदे हाेंगे। एक ताे अगले साल की स्वच्छता रैंकिंग में नंबर बढ़ेंगे वही शहर में 7 एकड़ बेशकीमती जमीन कचरे के ढेर से मुक्त हाे जाएगी। एेसा अब जल्द ही हाेने वाला है। अगले माह से डंपिंग यार्ड से बायाे माइनिंग का काम शुरू हाे

जाएगा। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की अाेर से 31 जनवरी 2020 काे जारी अादेश में देशभर में अप्रैल 2021 तक कचरे काे वैज्ञानिक तरीके से साफ करने के लिए कहा था। इसके बाद ही नगर परिषद की अाेर से फरवरी में डंपिंग यार्ड का ड्राेन से सर्वे कराया गया था। भंडारिया स्थित डंिपंग यार्ड में 29104 मीटर स्कवेयर यानी 7.189 एकड़ जमीन पर 96803.3 क्यूबिक मीटर यानि 96803.3 टन कचरा हटाना है।

1. बायाे रेमिडिएशन- नगर परिषद के एसबीएम एईएन अजय गहलाेत ने बताया कि इस प्रक्रिया के तहत सबसे पहले डंपिंग यार्ड में 2-2 मीटर ऊचाई के कचरे के ढेर बनाए जाएंगे, जिसे विन्ड्राे कहते हैं। उसके बाद उन ढेरांे पर बायाे कल्चर का छिड़काव किया जाएगा ताकि कचरे की दुर्गंध शहर में नहीं फैले और उस ढेर का ज्यादातर भाग डिकंपाेज किया जा सके। इस प्रक्रिया में जेसीबी के माध्यम से हर 5 दिन बाद ढेर का टर्निंग प्रासेज किया जाएगा, ताकि अाॅक्सीजन प्रवाहित हाेती रहे। इस प्रक्रिया के 2 से 3 सप्ताह बाद जब पूरा वेस्ट फ्री फ्लाॅविंग फाॅर्म में अाएगा तब उसे वेस्ट काे Eगे बायाे माइनिंग प्राेसेज के लिए ट्राेमेल्स मशीन में भेजा जाएगा।

2. बायाे माइनिंग- अायुक्त विजेश मंत्री ने बताया कि ट्राेमेल मशीन में जाने के बाद जाे पाउडर के रूप में मटेरियल प्राप्त हाेगा जिसे साइंटिफिक भाषा में बायाे अर्थ कहते हैं, उसे अाॅर्गेनिक खाद के रूप में उपयाेग में लिया जाएगा। दूसरे भाग में ग्रेवल अाैर पत्थर काॅर्स फेक्शन के रूप में प्राप्त हाेंगे उसे राेड निर्माण अाैर भराव, समतलीकरण अादि कार्याें में उपयाेग में लिया जा सकता है। तीसरा अाैर अंतिम मटेरियल अाॅर्गेनिक काेर्स मटेरियल के रूप में प्राप्त हाेगा, जाे जलने लायक हाेता है, उसे बेलिंग मशीन से बेल बनाकर सीमेंट प्लांट में भेजा जाएगा।



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97 thousand tons of waste will be removed from the dumping yard, the city council will get 7 acres of land


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/97-thousand-tons-of-waste-will-be-removed-from-the-dumping-yard-the-city-council-will-get-7-acres-of-land-127766354.html

देशभर में तितलियों को गिनने, समझने व संरक्षण की मुहिम को आमजन तक ले जाने के लिए मनाए जा रहे तितली माह यानी बिग बटरफ्लाई मंथ के तहत सागवाड़ा में देश की 1328वीं तितली की खोज हुई है। स्पीआलिया जेब्रा नामक इस तितली की खोज करने वाले मुकेश पंवार हैं। वे राउप्रावि डामाेरवाड़ा में तृतीय श्रेणी शिक्षक हैं। पिछले 15 वर्षों से तितलियों पर शोध कर रहे वागड़ नेचर क्लब के सदस्य मुकेश पंवार ने इस स्पीआलिया जेब्रा तितली को 8 नवम्बर 2014 को सागवाड़ा के धनराज फार्म हाउस पर देखा था। उसी दौरान उन्होंने फोटो क्लिक कर इसकी पहचान के लिए उत्तराखंड के भीमताल स्थित बटरफ्लाई शोध संस्थान को भेजा था। इस तितली पर करीब 6 साल की लंबी शोध प्रक्रिया के बाद

संस्थान के निदेशक पीटर स्मेटाचौक ने मंगलवार को इसकी घोषणा करते हुए बताया कि यह तितली भारत की 1328वीं तितली हैं। मुकेश पंवार ने अब तक राजस्थान में 111 प्रजातियांे की तितलियों को देखा और पहचाना है उन्होंने इनमें से 82 प्रजातियों की तितलियों के जीवनचक्र का अध्ययन कर क्लिक भी किया है। वागड़ नेचर क्लब के डॉ. कमलेश शर्मा ने दोनों उपलब्धियों का श्रेय दक्षिण राजस्थान में पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में किए जा रहे विविध कार्यों के कारण लोगों में आ रही जागरूकता को दिया है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/banswara/news/mukesh-of-sagwada-discovers-the-countrys-1328th-butterfly-25-cm-wide-flies-from-tasi-127766351.html

कोतवाली थाना इलाके के डेह रोड महाराणा प्रताप सर्किल के पास सोमवार रात हुए झगड़े में एक विवाहिता गंभीर रूप से घायल हो गई, जिसे खून से लथपथ अवस्था में जवाहरलाल नेहरू हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। वारदात की सूचना पर रात को मौके पर महिला थाना पुलिस भी पहुंच गई और पुलिस ने महिला के बयान दर्ज करने के साथ प्रकरण दर्ज किया। पुलिस के अनुसार बहरोड महाराणा प्रताप निवासी चांदा पत्नी लीलाराम मेघवाल को हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

पुलिस के अनुसार चांदा का उसके पड़ोसियों से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था इसके बाद हुई मारपीट की वारदात में घायल हो गई, जिसे रात को हॉस्पिटल भर्ती कराया गया। पुलिस के अनुसार आरोपियों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया गया है। आरोपियों ने चांदा के साथ बुरी तरह मारपीट की है इससे उसकी नाक से खून निकलने लग गया था इसके अलावा शरीर के अन्य हिस्सों में गंभीर चोटें आई हैं।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/admitted-to-womens-hospital-injured-due-to-assault-case-registered-127763137.html

शिक्षा विभाग में तबादलों के लिए ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया चल रही है। तबादलों को लेकर शिक्षक काफी समय से इंतजार कर रहे थे। लेकिन फिर भी शिक्षा विभाग में सबसे अधिक संख्या वाले तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले नहीं किए जा रहे हैं। प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों ने अब तक मुख्यमंत्री और शिक्षामंत्री के नाम तबादले करने की मांग को लेकर दर्जनों ज्ञापन दिए हैं।

राज्य सरकार शिक्षकों, पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी के चलते तृतीय श्रेणी शिक्षकों के ट्रांसफर नहीं कर रही है। एक विधानसभा क्षेत्र में गिनती के पद खाली है और उन पर आने के लिए सैकड़ों शिक्षक तैयार बैठे हैं। ऐसे में सरकार और शिक्षामंत्री ने यह तरीका अपनाया है। प्रदेशभर में 65 हजार सरकारी स्कूलें हैं।

शिक्षा विभाग में करीब 4.50 लाख शिक्षकों, लाइब्रेरियन, पीटीआई, प्रयोशाला सहायक, एचएम, प्रधानाचार्य, व्याख्याता, सेकंड व ग्रेड थर्ड शिक्षक के पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में इन स्कूलों में करीब पौने चार लाख शिक्षक कार्यरत हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या तृतीय श्रेणी शिक्षकों की ही है। जबकि तृतीय श्रेणी शिक्षकों एल-1 व एल-2 के करीब तीन लाख पद स्वीकृत हैं जिनमें से करीब 2.45 लाख शिक्षक वर्तमान में विद्यालयों में कार्यरत हैं इनमें प्रबोधक भी शामिल हैं।

इनको भी राहत नहीं : राज्य सरकार की ओर से गंभीर बीमारी से ग्रस्त शिक्षकों, पति-पत्नी को एक ही जिले में या गृह जिले में पोस्टिंग देनी चाहिए। लेकिन जिसकी अप्रौच नहीं है वह वर्षों से दूरस्थ जिलों में कार्यरत है। डार्क जोन में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षकों काे पांच साल उसी जिले में नौकरी करनी होती है। कई शिक्षक ऐसे हैं जिन्हें 15 साल से भी अधिक समय हो गया लेकिन उनका तबादला नहीं किया।

डेपुटेशन पर बैठे शिक्षक : शिक्षा विभाग में एचएम, प्रधानाचार्य, व्याख्याता, सेकंड ग्रेड और ग्रेड थर्ड शिक्षक अप्रोच के चलते निदेशालय, सीबीईओ कार्यालयों में डेपुटेशन पर लगे हुए हैं। वहीं बहुत से ग्रेड थर्ड शिक्षक जिले में अपने नजकीक वाले स्कूलों में लगे हुए हैं। इन्हें तय समयावधि के बाद भी नहीं हटाया जा रहा है।

तबादला नीति तैयार, लेकिन लागू नहीं कर रही सरकार
तृतीय श्रेणी शिक्षकों के तबादले 2018 के बाद नहीं किए गए हैं। ऐसे में शिक्षक सरकार से तबादले कि आस लगाए बैठे थे लेकिन उनके हितों पर लगातार कुठाराघात किया जा रहा है। राज्य सरकार ने ट्रांसफर पॉलिसी भी तैयार कर ली है लेकिन राज्य सरकार इसे अभी तक लागू नहीं कर रही है।

सरकार चाहे तो कैबिनेट बैठक में पास कर इसे लागू कर सकती है लेकिन यह पॉलिसी कम जारी करेंगे इसको लेकर अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है। शिक्षकों ने बताया कि 1998 तक तबादलों में कुछ नियम तय थे लेकिन कोई ट्रांसफर पॉलिसी आज तक लागू नहीं की गई है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/245-lakh-third-grade-teachers-not-transferred-127763133.html

हाल मेड़ता निवासी एक शिक्षक की रविवार रात को अजमेर में उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। जलवाना निवासी शिक्षक हरीश प्रजापति पुत्र नेमीचंद पोटर वर्तमान में भैरूंदा स्थित राजकीय प्राथमिक विद्यालय में कार्यरत थे। पिछले दिनों से उनकी तबीयत ठीक नही होने के कारण 18 सितंबर को उपचार के लिए भर्ती कराया गया।

गत 21 सितंबर को उनकी कोरोना जांच रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद 23 व 25 सितम्बर को फिर से जांच करवाई गई तो दोनों बार कोरोना नेगेटिव आई। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार अस्थमा की बीमारी होने के साथ उनके फेफड़ों में पानी भर गया। जिसके कारण रविवार रात में उनका निधन हो गया। गौरतलब है कि जिले में कुल 53 मरीज सामने आए है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/mertas-teacher-died-during-treatment-in-ajmer-127763120.html

जिलेभर के सरकारी स्कूलाें में निर्धारित प्रतिशत से कम परीक्षा परिणाम देने वाली संस्था प्रधान एवं शिक्षकों पर गाज गिरेगी। इसके लिए शिक्षा विभाग ऐसे शिक्षकों की सूची तैयार कर रहा है जिनका दसवीं एवं बारहवीं का परीक्षा परिणाम कम रहा है। इन शिक्षकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए निदेशालय की ओर से जिला शिक्षा अधिकारी को आदेश जारी किए जा चुके हैं।

शिक्षा निदेशालय की ओर से प्रदेश के सरकारी स्कूलों में संस्था प्रधान को 12वीं कक्षा का बोर्ड परीक्षा परिणाम 60 प्रतिशत और 10वीं का 50 प्रतिशत परीक्षा परिणाम निर्धारित किया हुआ है। इससे कम परीक्षा परिणाम रहने पर संबंधित को सेवा नियम सीसीए 17 में आरोपित किया जाता है और इस आरोप की जवाब व निर्णय होने तक आरोपी की पदोन्नति और एसीपी रुकी रहती है।

विभाग के अधिकारियाें के अनुसार निर्धारित से अधिक नामांकन कराने वाले संस्था प्रधान, व्याख्याता, वरिष्ठ अध्यापक का परीक्षा परिणाम न्यूनतम से 10 प्रतिशत कम रहने पर भी आरोप पत्र नहीं मिलेगा। शिक्षा विभाग की ओर से स्कूल के सकल परिणाम के साथ संबंधित विषय अध्यापकों के लिए परिणाम का मापदंड निर्धारित किया है।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/chargesheet-will-now-be-available-for-less-than-70-results-in-class-x-and-60-in-class-xii-127763116.html

नागौर पंचायत समिति कार्यालय में सोमवार को ग्राम पंचायतों में सामग्री आपूर्ति को लेकर हो रही टेंडर प्रक्रिया के दौरान विवाद खड़ा हाे गया। यहां जब ई टेंडर भरे हुए कुछ ठेकेदार निविदा भरने पहुंचे तो पंचायत समिति कार्यालय में दस्तावेज छीन लिए गए। इसे लेकर पंचायत समिति कार्यालय में विवाद शुरू हो गया। जोधियासी से ठेकेदार धूड़सिंह जब ग्राम पंचायत में सामग्री आपूर्ति के लिए ई टेंडर भरने के बाद दस्तावेज व धरोहर राशि जमा करवाने पहुंचे तो उनके दस्तावेज छीन लिए गए।

ठेकेदार ने बताया कि पंचायत के सरपंच प्रतिनिधि द्वारा कार्यालय में सबके सामने उनसे यह दस्तावेज छीन लिए। सोमवार को नागौर पंचायत समिति की 40 ग्राम पंचायतों में मटेरियल सप्लाई को लेकर दोपहर 1 बजे तक निविदा आमंत्रित की गई थी। जिसे लेकर ई टेंडर भरे सभी पंचायतों के सरपंच और कुठ ठेकेदार प्रोसिंग शुल्क, निविदा शुल्क एवं धरोहर राशि के डीडी भौतिक रूप से जमा करवाने पहुंचे थे। ठेकेदारों द्वारा टेंडर प्रक्रिया में भाग लेने को लेकर संबंधित पंचायत के सरपंच नाराज हो गए। इधर, ठेकेदार धूड़सिंह ने आरोप लगाया कि अधिकारियों की मिलीभगत टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता बरती जा रही है।

निविदा छिपा चहेतों को टेंडर दिलाने के फिराक में सरपंच व अधिकारी : जिला परिषद सीईओ को ज्ञापन दे देवीलाल जाखड़ ने आरोप लगाया कि पंचायत समिति नागौर द्वारा सामग्री आपूर्ति के लिए निविदा निकाली गई। बीडीओ मनवीरसिंह बेनीवाल ने बताया कि ई टेंडर प्रक्रिया को लेकर निविदा शुल्क एवं धरोहर राशि के डीडी भौतिक रूप से जमा सभी की गई। किसी को जमा करने के लिए मना नहीं किया।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/tender-dispute-snatching-documents-from-contractor-in-panchayat-samiti-127763113.html

शहर में एक बार फिर ममता को शर्मसार करने वाला गंभीर मामला सामने आया है। एक मां इतनी निष्ठुर हो गई कि एक मासूम बच्ची को जन्म देने से पहले ही उसको अपने गर्भ में मार दिया। इसके बाद उसको चादर में लपेटकर थैले में डालकर गोगेलाव गांव के पास सड़क किनारे वन विभाग की जमीन पर झाड़ियों में फेंककर चली गई। जानकारी के अनुसार इस वारदात की सूचना जैसे ही पुलिस तक पहुंची तो भ्रूण को जवाहर लाल नेहरू हॉस्पिटल की मोर्चरी में रखवाया गया। इसके बाद अब कोतवाली पुलिस ने अज्ञात आरोपी के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है।
वन कार्मिकों को एक थैले में दिखाई पड़ा भ्रूण
वन विभाग के रेंजर हेमेन्द्र फिड़ौदा तथा वन रक्षक अंजु सोमवार की दोपहर इलाके में गश्त कर रहे थे। ठीक उसी समय तारबंदी के पास झाड़ियों में उनको एक थैला पड़ा हुआ दिखाई दिया। जब वे थैले के पास गए तो उन्होंने देखा कि उसमें एक चादर रखी हुई है, जिसमें एक बच्चे का सिर लिपटा हुआ दिखाई दिया। भ्रूण करीब 6-7 माह का था। फिड़ौदा ने बताया पुलिस नियंत्रण कक्ष को दी गई। चादर से बाहर से केवल सिर और बाल ही दिखाई दे रहे थे। भ्रूण को पहले चादर में चारों तरफ से लपेटा गया। थैले में भरने के बाद वन विभाग की जमीन पर झाड़ियों में फेंका गया।



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कपड़े में लपेटकर फेंका गया नवजात का भ्रूण।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/newborn-dead-fetus-found-wrapped-in-roadside-clothes-127763107.html

एसीएस जनजाति क्षेत्रीय विकास राजेश्वर सिंह ने विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे सहरिया जनजाति के विकास के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रमों में शिक्षा, स्वास्थ्य और कौशल विकास पर बल दें ताकि इस समुदाय के लोग शिक्षित व प्रशिक्षित होकर प्रदेश के शैक्षणिक, सांस्कृतिक, आर्थिक, सामाजिक विकास में भागीदारी निभा सकें।


राजेश्वर सिंह ने सोमवार को जनजाति क्षेत्र विकास विभाग की प्रगति की समीक्षा बैठक में विभाग के अधिकारियों को कहा कि सहरिया क्षेत्र में राज्य सरकार द्वारा छात्रावास, विद्यालय, कौशल विकास प्रशिक्षण, एकीकृत विकास, स्वास्थ्य, जनश्री बीमा योजना एवं कृषि विकास आदि योजनाओं से जुड़े जो कार्य प्राथमिकता से करवाए जा रहे हैं, इनका अधिक से अधिक लाभ इस समुदाय के लोगों को मिले, इस पर विशेष ध्यान दें।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/officers-should-keep-a-focus-on-education-health-and-economic-development-acs-127763100.html

प्रदेश में कोरोना महामारी व लॉकडाउन से बिगड़े आर्थिक हालात अब सोलर एनर्जी को बढ़ावा देने से सुधर सकते हैं। प्रदेश में सोलर एनर्जी के लिए अनुकुल माहौल होने से निवेश व रोजगार की अपार संभावनाएं हैं।
एक संस्था की ओर से आयोजित वेबिनार ‘ग्रीन रिकवरी’ में लैप्पीरांता यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्‍नोलॉजी (एलयूटी), इंस्टीट्यूट फॉर एनर्जी इकोनॉमिक्स एंड फाइनेंशियल एनालिसिस (आईईईएफए) और कंज्यूमर यूनिटी एंड ट्रस्ट सोसाइटी (सीयूटीएस) के विशेषज्ञों ने कोविड के बाद बने आर्थिक हालातों पर अपने विचार रखे और आर्थिक नुकसान की भरपाई के लिए सौर ऊर्जा पर ध्यान देने की जरूरत बताई।


कोविड संक्रमण से वित्तीय साल 2020-21 की पहली तिमाही में अर्थव्यवस्था में 24 प्रतिशत की गिरावट हुई है। लोगों की नौकरी और रोजगार खत्म हो गए। ऊर्जा क्षेत्र सहित अन्य उद्योगों में महामारी का बुरा असर पड़ा है। महंगी बिजली, कम मांग और बेतरतीब तरीके से राजस्व वसूली होने से बिजली वितरण कंपनियों पर चढ़े कर्ज में भी बढ़ोत्तरी हुई है।

ऐसे में प्रदेश सोलर एनर्जी को बढ़ावा देकर बिजली क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन सकता है। एलयूटी की रिपोर्ट के मुताबिक अगर वर्ष 2050 तक उत्तर भारतीय राज्यों में बिजली के मामले में अक्षय ऊर्जा पर 100 फीसद निर्भरता हो जाए तो रोजगार के 50 लाख नए अवसर हो सकते हैं।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/economic-conditions-of-the-state-can-improve-with-solar-energy-immense-possibilities-of-investment-and-employment-127763097.html

कोरोना काल में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण के चुनाव सोमवार को संपन्न हुए। इसमें कई रोचक तथ्य निकलकर आए। पूर्व मंत्री रहे अजयसिंह किलक के भाई की पत्नी रतना चौधरी चुनाव हारी तो वहीं गूलर पंचायत में पूर्व प्रधान व वर्तमान पीसीसी सदस्य बन्नाराम रिणवां की पुत्र वधू चुनाव हार गई। परबतसर पंचायत समिति की 42 व डेगाना पंचायत समिति की 35 ग्राम पंचायतों में नए सरपंच चुने गए।

खास बात यह है कि नवनिर्वाचित सरपंचों में परबतसर क्षेत्र में 42 में से 21 ग्राम पंचायतों में महिलाएं सरपंच चुनी गई। दो पंचायत समितियों के 77 पंचायताें में चुनाव होने के बाद सोमवार देर रात तक नतीजे आ रहे थे। परिणाम आने तक 37 पंचायताें में महिलाएं ताे मात्र 38 पंचायताें में ही मुखिया पुरुष बने हैं। परबतसर में पुरुषों और महिलाओं की बराबरी रही। जबकि डेगाना में परिणाम जारी होने तक पुरुष ज्यादा चुने गए।

डेगाना में कुल 84.75 प्रतिशत मतदान हुआ, जिनमें खींवताना में 94.22 सबसे ज्यादा व सबसे कम इड़वा में 73.38 प्रतिशत मतदान हुआ। डेगाना एसडीएम मुकेश चौधरी ने बताया कि 15 कोरोना संक्रमित मरीजों ने भी मतदान किया। इस दौरान उन्होंने पीपीई किट पहने थे। इस प्रकार परबतसर में 81.23 प्रतिशत मतदान हुआ।

परबतसर की 42 में से 21 पंचायतों में महिलाएं बनी सरपंच

परबतसर के गिगोली से घासीलाल, जावला से ओमप्रकाश, रोहिंडी से रुकमादेवी, हुलढाणी से रूपाराम, कुराड़ा से पूराराम, ललाणा कला से सुमन, चिताई से राधा देवी, रुणीजा से प्रियंका डारा, राबड़ियाद से मनुराज, टापरवाड़ा से कमला गाेदारा, बरेव से नंदकिशोर मुंडेल, हरनावां पट्‌टी से अंकिता शेखावत, मायापुर से प्रेमचंद, नैणियां से अजीतसिंह, ढांढोता से शिवराज शर्मा, खिदरपुरा से मंजू देवी, मंगलाना से रुप कन्या, भकरी मौलास से अख्तर हुसैन, जंजीला रेखा देवी, रिड़ से प्रेमदेवी, गुढ़ा से सुरेश कंवर, किनसरिया से सोहनलाल, बीठवालिया से मांगीलाल, गूलर से शांति, पीलवा से बाबूलाल, बस्सी से सुमन देवी, भड़सिया से रेखा कंवर, भादवा से सोनू देवी, झालरा से रुपाराम डूडी, पीपलाद से निलिमा फातिमा, बजावास से राजेंद्र प्रसाद, खोखर से राधा देवी, कुंडरी से लक्ष्मणराम, बिदियाद से श्रवणकुमार बुगालिया, गांगवा से सुगनी देवी, रघुनाथपुरा से रामप्यारी, नैतियास से नाथूराम, बागोट से संजूदेवी, मोड़ी खुर्द से विजय लक्ष्मी, पीह से अमरचंद जाजड़ा, कालेटड़ा से कृपालसिंह सरपंच बने। इसी प्रकार डेगाना पंचायत समिति के गूंदीसर से महेन्द्रसिंह, चोलियास से जस्साराम छरंग, डावोली मीठी से कमला देवी, चुई से इमरती देवी, मोगास से विजयसिंह, सिरासना से महादेव राम, जालसु कला से कैलाश महिया, सांजू से श्रवणराम बावरी, खुड़ी कला से बींजाराम, कितलसर से मनोहर तनान , बरना से शिवकरण, सारंडा से सीतादेवी, चांदारूण से शारदा देवी खालिया, इड़वा से शिवप्रताप सिंह लगातार बनने का गौरव हासिल किया, चोसली से छोटीदेवी ढाका, गुणसली से मानवेन्द्र सिंह, राजोद से ओम प्रकाश डोडवाडिया, चुआ से मोहनी देवी, बवरंला से मोहनराम महिया, निम्बोला कला से शिवलाल डिया, कीरड से वर्षा बावरी , जाखेड़ा से कंचन नायक ने जीत दर्ज की।

दिग्गज हारे, खैरवा में भूकर नए सरपंच

सोमवार को मतदान समाप्ति के तुरंत बाद हुई मतगणना मे ग्राम पंचायतों के सरपंचों के निर्वाचन की घोषणा हुई। जिसमे कई दिग्गज हारें तो कईयों को पहली बार सरपंच सीट मिली। पंचायती राज के चुनावों में तबरीबन आधी पंचायतों की बागडोर महिलाओं को मिली है। चुनाव में सबसे बड़ा उलट फेर ग्राम पंचाय रत पुंदलौता में हुआ, जहां पर पूर्व सहकारिता मंत्री अजयसिंह किलक के भाई की पत्नी और पूर्व सरपंच रही रतना देवी चौधरी को हार का सामना करना पड़ा।

पुंदलौता सीट डेगाना की सबसे हाॅट सीट मे मानी जा रही थी। इसी प्रकार से कांग्रेस नेता रामलाल मूवाल की पत्नी भंवरी देवी ने पूर्व सरपंच लक्ष्मण सिंह मूवाल की पत्नी को हराकर डेगाना गंाव की सरपंच बनी। इसी प्रकार से ग्राम पंचायत मांझी भी हाॅट सीट थी, जिस पर कांग्रेसी नेता मांगीलाल बेनीवाल की पत्नी जमुना देवी ने जीत का परचम लहराया।

ग्राम पंचायत खैरवा से पहली बार चुनावी मैदान में उतरे किशन सिंह भूकर ने जीत हासिल की। तिलानेस मंे रामनिवास खटकड़ की पत्नी की बाजू देवी दूसरी बार सरपंच बनी है।



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मतदान करने ले जाते परिजन।


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/former-minister-kilaks-sister-in-law-ratna-755-and-pcc-member-rinwas-daughter-in-law-shanti-lost-by-167-votes-127763094.html

आरएलपी प्रमुख सांसद हनुमान बेनीवाल ने डूंगरपुर-बांसवाड़ा क्षेत्र में हुए उपद्रव और इसमें नक्सलवाद की आशंका पर कहा कि ये प्रदेश के लिए अशुभ संकेत हैं। राज्य सरकार को इस मामले की जांच एनआईए से करानी चाहिए, साथ ही टीएसपी क्षेत्र में जो आंदोलन हुआ,उस पर सुप्रीम कोर्ट जाकर संवैधानिक हल निकालना चाहिए।

आंदोलन जिस मोड़ पर आया उसमें राजस्थान सरकार की संवेदनहीनता व सरकार तथा पुलिस के इंटेलिजेंस का फैलियर भी बड़ा कारण रहा है। बेनीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इस मामले में संज्ञान लेने की अपील करते हुए कहा कि राज्य सरकार हालातों पर काबू पाने में नाकाम रही, इसलिए केंद्र से रैपिड एक्शन फोर्स भेजी जाए।



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source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/jaipur/news/government-to-get-dungarpur-nuisance-investigated-by-nia-beniwal-127763087.html

19 सितंबर को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से आयोजित लाइब्रेरियन भर्ती-2018 ग्रेड तृतीय की परीक्षा को लेकर बोर्ड द्वारा जारी (प्रारंभिक उत्तर कंजी) आंसर-की में बड़े स्तर पर गड़बड़ी सामने आई। परीक्षा में पूछे गए 150 सवालों में से कई के जवाब गलत दिए गए। आंसर-की देखने के बाद परीक्षा देने वाले हजारों स्टूडेंट्स परेशान हैं। 700 पदों के लिए हुई परीक्षा में प्रदेश के करीब 55 हजार से ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हुए थे।

परीक्षा 19 सितंबर को राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड जयपुर की ओर से प्रदेशभर में परीक्षा केंद्रों पर आयोजित कराई थी। परीक्षा के 9 दिन बाद चयन बोर्ड द्वारा आंसर की सोमवार को जारी की गई। परीक्षा में 150 सवाल पूछे गए थे। पेपर 300 मार्क्स का था। प्रश्न-पत्र में 1/3 निगेटिव मार्किंग भी थी। मगर हैरानी यह है कि प्रश्न-पत्र में दिए गए 150 में से 10 से ज्यादा सवालों के जवाब आंसर-की में गलत है।

परीक्षार्थियों को दावा है कि अन्य प्रश्न-पत्र में दिए गए सवालों में से 15 से ज्यादा के जवाब आंसर की में गलत है। अब अभ्यर्थी इसके लिए आपति दर्ज करवा सकते है। हालांकि परीक्षार्थियों को इसके लिए 100 रुपए का शुल्क अदा करना पड़ेगा। दो अक्टूबर तक यह ऑनलाइन किया जा सकता है।

4 सवालों से समझिए चयन बोर्ड की लाइब्रेरियन परीक्षा में गंभीर लापरवाही, दस से अधिक सवालों के जवाब दिए हैं गलत

म1. प्रश्न संख्या-15 : संयुक्त राजस्थान का प्रथम प्रधानमंत्री कौन था?
आंसर-की में गोकुल लाल असावा उत्तर है। विषय विशेषज्ञ नरेश कच्छावा- का कहना है कि इसका सही जवाब माणिक्यलाल वर्मा है। जबकि गोकुल लाल असावा उप प्रधानमंत्री थे।
2. प्रश्न संख्या-48 : निम्नांकित में से कौनसा जोड़ा सही सुमेलित नहीं है? चार ऑप्शन में दिए गए थे। बोर्ड ने आंसर की में सी ऑप्शन को सही माना। जिसमें लिखा था उम्मेदसागर-जोधपुर। जबकि विशेषज्ञ दाैलत राम सारण बताते हैं कि डी ऑप्शन सही है, तलवारा गंगानगर में नहीं है।
3. प्रश्न संख्या- 55 : संगठन के परम्परावादी/शास्त्रीय सिद्धांतों के प्रतिपादक थे? आंसर-की में जवाब उर्विक सही बताया। विशेषज्ञों के मुताबिक सही जवाब-फेयोल है।
4. प्रश्न संख्या-124 : सीएएस सूचना सेवा की किस श्रेणी में आता है? आंसर-की में जवाब अग्रिम सूचना सेवा बताया गया, जबकि विशेषज्ञों के मुताबिक अनुक्रमणिक और सारकरण सूचना सेवा सही है।
दाे से भर्ती के इंतजार में थे 55 हजार अभ्यर्थी, पहले पेपर आउट हाेने से रद्द हुई, चार बार परीक्षा डेट बढ़ी

लाइब्रेरियन भर्ती की प्रक्रिया 21 मई 2018 को प्रारंभ हुई थी। करीब डेढ़ साल के लंबे इंतजार के बाद 29 दिसंबर 2019 को इसकी भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी। उस समय भर्ती परीक्षा काे लेकर आवेदन करने वाले 87459 अभ्यर्थियों में से 55508 अभ्यर्थी परीक्षा देने पहुंचे थे। मगर परीक्षा के दाैरान पेपर लीक हाेने से परीक्षा रद्द हाे गई। इसके बाद दाेबारा परीक्षा के आयाेजन काे लेकर डेट बढ़ती गई।

काेराेना काल में परीक्षा आयाेजित नहीं हाे सकी। परीक्षा के लिए चार बार डेट बढ़ा दी गई। आखिरकार 19 सितंबर 2020 काे पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-3 के 700 पदों पर भर्ती परीक्षा हुई। अकेले नागाैर में 17 केंद्राें पर 4753 में से 3465 ने परीक्षा दी। नॉन टीएसपी एरिया के लिए 482 पद और टीएसपी एरिया के 215 पद के लिए 2018 में विज्ञप्ति जारी की गई थी।

आगे क्या : अभ्यर्थी गलत सवाल या आंसर पर दर्ज करवा सकेंगे आपत्ति
राजस्थान कर्मचारी चयन बाेर्ड द्वारा 19 सितंबर 2020 काे आयाेजित पुस्तकालयाध्यक्ष ग्रेड-थर्ड सीधी भर्ती परीक्षा-2018 काे लेकर सचिव डाॅ. मुकुट बी. जांगिड़ ने प्रेस नाेट जारी करते हुए बताया कि परीक्षा काे लेकर जारी प्रारंभिक उत्तर कुंजी बाेर्ड की वेबसाइट rsmssb.rajasthan.gov.in पर उपलब्ध है। यदि किसी अभ्यर्थी काे प्रश्न-पत्र में सम्मिलित किसी प्रश्न या इनके उत्तर के संबंध में काेई आपत्ति है ताे 30 सितंबर से 2 अक्टूबर रात्रि 12 बजे तक ऑनलाइन दर्ज करवा सकेंगे। प्रत्येक अापत्ति का शुल्क रु.100 निर्धारित है।



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कर्मचारी चयन बोर्ड द्वारा जारी आंसर की


source https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/nagaur/news/asked-in-the-examination-who-was-the-first-pm-of-united-rajasthan-gokul-asawa-in-answer-key-while-manikya-lal-verma-127763070.html