भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने सोमवार को जेसीटीओ पवन कुमार आहूजा को 10 हजार रुपए की रिश्वत लेने के आरोप में रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। आराेपी जेसीसीटीओ 15 हजार रुपए 26 जून काे ही ले चुका था। ब्यूरो की टीम ने अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेंद्र डिढारिया के नेतृत्व में जेसीटीओ पवन कुमार आहूजा को उसके कार्यालय में रंगे हाथों गिरफ्तार किया।
मामले में एसीटीओ हिमांशु पारीक काे भी सहआराेेपी माना गया है। एसीटीओ के श्रीविजयनगर कार्यालय और श्रीगंगानगर स्थित आवास पर भी दबिश दी लेकिन गिरफ्तारी नहीं हाे पाई। आराेप है कि यह रिश्वत एक साल की जीएसटी रिटर्न नहीं भरने पर पैनल्टी लगाने की धमकी देकर वसूल की गई। परिवादी प्रेमकुमार नई मंडी घड़साना में फर्नीचर का काराेबार करता है। जेसीटीओ आहूजा के खिलाफ नई मंडी घड़साना निवासी प्रेम कुमार पुत्र बलराम ने ब्यूरो में 26 जून को परिवाद पेश किया था।
इसमें शिकायत की कि जेसीटीओ पवन कुमार आहूजा 25 हजार रुपए रिश्वत की मांग कर रहे हैं। ब्यूरो ऑफिस ने 26 जून को ही सत्यापन करवाया। इसी दिन प्रेम कुमार ने जेसीटीओ काे रिश्वत की पहली किश्त के रूप में 15 हजार रुपए दिए। शेष 10 हजार रुपए सोमवार को देने की बात तय की। एसीबी ने बकाया राशि देते हुए आराेपी काे गिरफ्तार करने के लिए साेमवार काे कार्रवाई का निर्णय लिया।
टीम ने परिवादी काे सफेद पाउडर लगे दस हजार रुपए दिए। प्रेम कुमार ने जेसीटीओ को साेमवार काे उसके कार्यालय में दस हजार रुपए देकर इशारा किया। एसीबी की टीम ने तत्काल दबिश देकर जेसीटीओ काे गिरफ्तार कर रिश्वत की राशि बरामद कर ली। इसके बाद हाथों को पानी से धुलाया ताे इस पर हाथों में रंग आ गया। ब्यूरो की कार्रवाई में डीवाईएसपी वेदप्रकाश लखोटिया व सीआई आनंद कुमार सहित अन्य स्टाफ शामिल था।
एसीटीओ के घर से 7.35 लाख रुपए, कई संपत्तियों के दस्तावेज बरामद, चार बैंक खातों का भी खुलासा
भ्रष्टाचार के इस मामले में सहआराेपी एसीटीओ हिमांशु पारीक के 89 लक्ष्मीनगर स्थित आवास की तलाशी ली गई। अभियान प्रभारी डीवाईएसपी वेदप्रकाश लखाेटिया काे उसके मकान से 7 लाख 35 हजार रुपए नकद बरामद हुए हैं। इसके अलावा बड़ी संख्या में दस्तावेज बरामद किए गए हैं। 3-4 बैंक खातों का भी पता लगा है। इन खातों की डिटेल निकलवाई जाएगी। एक कार है, जो मां के नाम से है।
संपत्ति ज्यादा निकलने पर एसीटीओ पर आय से अधिक संपत्ति रखने का मुकदमा भी हो सकता है। एएसपी डिढ़ारिया ने बताया कि एसीटीओ हिमांशु का मूल पदस्थापन श्रीविजयनगर था लेकिन उसके पास अनूपगढ़ का अतिरिक्त प्रभार है। इस पूरे मामले में उसकी भूमिका आधी-आधी थी।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के श्रीगंगानगर चाैकी प्रभारी एएसपी राजेंद्र डिढ़ारिया ने बताया कि रिश्वत की राशि में एसीटीओ हिमांशु पारीक का भी हिस्सा है। हिमांशु पारीक की गिरफ्तारी के लिए उसके श्रीविजयनगर कार्यालय में छापेमारी की गई। लेकिन वहां पर हिमांशु पारीक नहीं मिला। जानकारी के अनुसार उन्हें इस कार्रवाई की भनक लग गई थी। इसलिए एसीबी टीम के पहुंचने से पहले ही वह गायब हाे गया।
हिमांशु पारीक के श्रीगंगानगर स्थित निवास पर भी ब्यूरो द्वारा छापेमारी की गई लेकिन गिरफ्तारी नहीं हाे पाई। वह अपने आवास पर भी नहीं मिला। उसे पकड़ने के लिए अलग से टीम गठित की गई है। जल्दी ही आराेपी काे पकड़ लिया जाएगा।
परिवादी का आरोप...जेसीटीअाे से फर्नीचर के रुपए मांगे ताे पैनल्टी के लिए धमकाया
प्रेम कुमार का नई मंडी घड़साना में दाता फर्नीचर हाउस के नाम से प्रतिष्ठान है। मिली जानकारी के अनुसार यहां से जेसीटीओ पवन कुमार ने घर का फर्नीचर बनवाया था। इस फर्नीचर के भुगतान को लेकर जेसीटीओ पवन कुमार और प्रेम कुमार के बीच में विवाद हो गया। इस विवाद के चलते जेसीटीओ पवन कुमार ने जब छानबीन की ताे जानकारी मिली की प्रेम कुमार वर्ष 2019-20 की जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं की है।
आराेप है कि इस पर जेसीटीओ ने जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं भरने के मामले को लेकर प्रेम कुमार को पेनल्टी लगाने की धमकी देने लगा। जीएसटी फाइल रिटर्न नहीं भरने पर लगने वाली पेनल्टी से बचाने के लिए 25 हजार रुपए की रिश्वत की मांग की।
गबन व भ्रष्टाचार का दाेषी ग्राम सचिव के खिलाफ साल बाद भी नहीं हुई कार्रवाई
66 आरबी पंचायत का मामला
रायसिंहनगर क्षेत्र की ग्राम पंचायत 66 आरबी में 54 लाख 43 हजार 860 रुपए के भ्रष्टाचार व गबन के दाेषी पाए जाने के एक साल बाद भी दाेषी ग्राम सचिव गुरमीत सिंह के खिलाफ जिला परिषद की ओर से कार्रवाई नहीं की गई है। इस मामले में भ्रष्टाचार निराेधक ब्यूराे में पी भी दर्ज है। वर्तमान में यह ग्राम सचिव पांच टीके पंचायत में कार्यरत है।
ग्रामीणाें की शिकायत पर 22 अक्टूबर 2018 काे जिला परिषद की तत्कालीन मुख्य कार्यकारी अधिकारी चिन्मयी गाेपाल ने एक्सईएन प्रेम सुंदर अग्रवाल, लेखाधिकारी मनाेज माेदी, सहायक लेखाधिकारी विजय कुमार एएसओ दलीप जाखड़ व मनरेगा समन्यक सुनील झाेरड़ के रूप में कमेटी गठित करते हुए 66 आरबी पंचायत में करवाए गए 30 विकास कार्याें काे भाैतिक सत्यापन करवाया और पंचायत के रिकाॅर्ड की जांच करवाई।
कमेटी की ओर से की गई जांच में निर्माण कार्य तय मापदंड के अनुसार नहीं पाए गए तथा घटिया स्तर का निर्माण कार्य पाया गया। इसके अलावा रिकाॅर्ड में भी भारी खामियां पाई गईं। कई कार्य माैके पर हुए ही नहीं तथा सरकारी खजाने से राशि उठाना प्रमाणित हुआ। जांच कमेटी ने दिसंबर 2018 में इस मामले की जांच रिपाेर्ट सीईओ काे साैंपी।
इसमें ग्राम सचिव काे 32 लाख के गबन सहित कुल 54 लाख 43 हजार 860 रुपए के भ्रष्टाचार का दाेषी माना। इस मामले में सीईओ ने आगे कार्रवाई करते हुए दाेषी ग्राम सचिव काे 16 सीसी की चार्जशीट साैंपी तथा वसूली के लिए नाेटिस जारी किए। इस मामले में कार्रवाई नहीं हाेने के संबंध में जिला परिषद के सीईओ से संपर्क किया गया, लेकिन उन्हाेंने फाेन रिसीव नहीं किया।
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source
https://www.bhaskar.com/local/rajasthan/sriganganagar/news/if-the-returns-are-not-filled-then-threaten-to-pay-25-thousand-bribe-10-thousand-rupees-caught-jcto-acto-absconding-127462122.html